Vayam Bharat

कैंसर मरीज के शरीर में था 10 किलो का ट्यूमर, दिल्ली AIIMS के डॉक्टरों ने ऐसे बचाई जान

दिल्ली एम्स के डॉक्टरों ने एक कैंसर पीड़ित महिला का सफल ऑपरेशन किया है. डॉक्टरों ने महिला के शरीर से करीब 10 किलो का ट्यूमर निकाला है. महिला ओवरी के ग्रैनुलोसा सेल ट्यूमर का शिकार थी. इस मरीज का कई सालों से एम्स में इलाज चल रहा था. 2011 में उनका कैंसर का ऑपरेशन भी हो गया था. पांच साल तक महिला ठीक रही, लेकिन 2017 में फिर से ट्यूमर शरीर में फैलने लगा था. इस दौरान इलाज चला और आराम मिला, लेकिन महिला समय से फॉलोअप के लिए नहीं आई. ऐसे में उसकी हालत बिगड़ती रही और वह तीन साल बाद फिर इलाज के लिए एम्स आई, लेकिन इस बार उसका ट्यूमर काफी फैल चुका था और ओवरी के आसपास करीब 10 किलो का ट्यूमर था.

Advertisement

डॉक्टरों ने जब सीटी स्कैन किया तो पता चला कि ट्यूमर पेट के हिस्से के आसपास तक फैल गया है और पीछे किडनी तक जा रहा है. इस वजह से किडनी में भी सूजन आ गई थी. ट्यूमर महिला की आंत और लिवर तक पहुंच गया था. इस वजह से उसकी हालत गंभीर हो रही थी. ऐसे में डॉक्टरों ने महिला की जान बचाने के लिए सर्जरी करने का फैसला किया.

सर्जरी के दौरान निकला करीब 1.5 लीटर खून

महिला का ट्यूमर काफी बड़ा था और इसकी सर्जरी में जोखिम भी था, लेकिन डॉक्टरों ने करीब 10 घंटे तक इस सर्जरी को किया और महिला के शरीर से 9.8 किलो का ट्यूमर निकाला. इस दौरान महिला के शरीर से करीब 1.5 लीटर खून भी निकला. ट्यूमर की वजह से गर्भाशय और आंतों के आसपास का काफी हिस्सा सड़ गया था. चूंकि महिला को कैंसर था तो ऐसे में सर्जरी करना जरूरी थी. इस सर्जरी को एम्स के विशेषज्ञ सर्जन और ऑन्कोलॉजिस्ट डॉक्टरों ने किया है. इसमें एम्स के कैंसर विभाग और सर्जरी विभाग के कई डॉक्टर शामिल रहे.

इस तरह की सर्जरी संभव

एम्स नई दिल्ली में कैंसर विभाग के डॉ. रोहण कपूर ने बताया कि एक्सपर्ट सर्जन और डॉक्टरों की मदद से इतना बड़ा ट्यूमर भी शरीर से निकाला जा सकता है. इस केस में सर्जरी करना काफी जरूरी था. ऑपरेशन न करने से महिला की जान को जोखिम था. अब सर्जरी के बाद महिला का जीवनकाल बढ़ने की संभावना है और अब वह खतरे से बाहर है और अच्छी रिकवरी कर रही है.

डॉ रोहण ने कहा कि कैंसर के मामलों में सही समय पर इलाज जरूरी है. नहीं तो मरीज की जान को जोखिम रहता है. महिला के मामले में इस सर्जरी को यह मानकर किया गया था कि ये सर्जरी की जा सकती है और डॉक्टर इसमें सफल भी रहे. महिला की ये सर्जरी 2 दिसंबर को की गई थी और अब वह स्वस्थ महसूस कर रही है.

Advertisements