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पोस्टमार्टम रिपोर्ट में सामने आई पत्रकार राजीव प्रताप की मौत की वजह, SP बोलीं- रात 11.39 बजे..

उत्तराखंड के उत्तरकाशी में स्वतंत्र पत्रकार राजीव प्रताप की मौत ने पत्रकार बिरादरी को हैरान कर दिया है. अब राजीव प्रताप की पोस्टमार्टम रिपोर्ट आ गई है. इस रिपोर्ट में कहा गया है कि पत्रकार राजीव प्रताप की मौत सीने और पेट में अंदरूनी चोटों के कारण हुई थी. पुलिस ने मंगलवार को यह जानकारी दी. डॉक्टरों ने बताया कि ऐसी चोटें दुर्घटनाओं के दौरान लगती हैं.

राजीव प्रताप का शव उत्तरकाशी जिले की एक झील से बरामद हुआ था. उत्तरकाशी की पुलिस अधीक्षक सरिता डोभाल ने कहा कि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में पत्रकार के शरीर पर किसी भी तरह के हमले के निशान नहीं मिले हैं.

राजीव प्रताप 18 सितंबर की रात से लापता थे और उनका शव 10 दिन बाद रविवार को जोशियाड़ा बैराज से बरामद हुआ.

पत्रकार के परिवार ने आरोप लगाया है कि उनकी कुछ खबरों के बाद उन्हें धमकियां मिल रही थीं. कुछ पत्रकार संगठनों ने भी उनकी मौत की परिस्थितियों की गहन जांच की मांग की है.

उत्तरकाशी की एसपी सरिता डोभाल ने कहा, “पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में कहा गया है कि उनकी मौत सीने और पेट में अंदरूनी चोटों के कारण हुई. डॉक्टरों के अनुसार ऐसी चोटें दुर्घटनाओं के दौरान लगती हैं.

एसपी ने बताया कि 18 सितंबर की रात उत्तरकाशी बस अड्डे पर स्थित चौहान होटल में अपने दोस्त के साथ खाना खाने के बाद राजीव प्रताप अपने दोस्त की कार से उत्तरकाशी से गंगोरी के लिए निकले थे.

उन्होंने बताया कि जब वह वापस नहीं लौटा तो उसके दोस्त ने 19 सितंबर को पुलिस और उसके परिवार को इसकी सूचना दी.

परिवार की शिकायत के आधार पर पुलिस ने मामला दर्ज कर गहन तलाश शुरू कर दी.

एसपी डोभाल ने बताया कि जांच के दौरान सीसीटीवी फुटेज की जांच में राजीव प्रताप 18 सितंबर की रात 11:39 बजे अकेले गाड़ी चलाते हुए दिखाई दिए और अगले दिन उनकी कार घटनास्थल से लगभग 500 मीटर दूर मिली. उन्होंने कहा कि तलाशी के बाद उनकी कार से उनकी चप्पलें बरामद की गईं.

राजीव की गर्भवती पत्नी मुस्कान के अनुसार उनकी अपने पति से 18 सितंबर की रात 11.15 बजे आखिरी बार बात हुई थी.

एसपी ने कहा कि मामले की जांच अभी जारी है और प्रताप के परिवार ने भी कुछ जानकारी सामने लाई है. एसपी सरिता डोभाल ने कहा कि तथ्यों के आधार पर आगे कार्रवाई की जाएगी.

वहीं पत्रकार राजीव प्रताप के भाई आलोक प्रताप सिंह ने दावा किया है कि उनके भाई ने जिला अस्पताल की खराब स्थिति को उजागर किया था. इस वीडियो को रिलीज करने के बाद से राजीव को जान से मारने की धमकी मिल रही थी.

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