बाढ़ प्रभावितों का हाल जानने सीधे उनके बीच पहुँचे मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री  विष्णु देव साय ने आज बस्तर संभाग के बाढ़ प्रभावित जिलों दंतेवाड़ा और बस्तर का हवाई सर्वेक्षण एवं जमीनी निरीक्षण किया। उन्होंने प्रभावित क्षेत्रों की स्थिति का प्रत्यक्ष अवलोकन किया और राहत एवं पुनर्वास कार्यों की प्रगति की जानकारी ली। मुख्यमंत्री साय ने कहा कि बाढ़ से प्रभावित प्रत्येक परिवार तक समय पर सहायता पहुँचना राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है और इसके लिए सभी स्तरों पर संवेदनशीलता और तत्परता आवश्यक है।

मुख्यमंत्री  साय दंतेवाड़ा के चूड़ीटिकरा वार्ड में बनाए गए अस्थायी राहत शिविर पहुँचे, जहाँ उन्होंने बाढ़ प्रभावित परिवारों से भेंट कर उनकी समस्याओं को सुना। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार हर पीड़ित परिवार के साथ खड़ी है। उन्होंने प्रशासन को निर्देशित किया कि शिविरों में पर्याप्त भोजन, स्वच्छ पेयजल और सुरक्षित आवास की व्यवस्था निरंतर बनी रहे।

मुख्यमंत्री श्री साय ने यहां लगाए गए स्वास्थ्य शिविर का निरीक्षण किया। उन्होंने मेडिकल टीम से दवाइयों की उपलब्धता, डॉक्टरों की तैनाती और मरीजों को दी जा रही प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाओं की जानकारी प्राप्त की। मुख्यमंत्री ने प्रभावित परिवारों से सीधे संवाद करते हुए यह भी पूछा कि क्या वे प्रशासन की मदद से संतुष्ट हैं। प्रभावितों ने जिला प्रशासन के त्वरित सहयोग पर संतोष व्यक्त किया।

मुख्यमंत्री साय ने बाढ़ से क्षतिग्रस्त हुए पुल का भी निरीक्षण किया और क्षेत्र की यातायात व्यवस्था तथा पुनर्निर्माण कार्यों की स्थिति का आकलन किया। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि प्रभावित गाँवों में सड़क, बिजली और पेयजल जैसी मूलभूत सुविधाओं की शीघ्र बहाली सुनिश्चित की जाए। उन्होंने स्पष्ट कहा कि राहत और पुनर्वास कार्यों में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

इसके पश्चात मुख्यमंत्री ने दंतेवाड़ा कलेक्टोरेट में जिला प्रशासन और विभागीय अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की। बैठक में राहत एवं बचाव कार्यों की प्रगति, पुनर्वास योजनाओं और प्रभावित परिवारों को दी जा रही तत्कालिक सहायता की विस्तृत समीक्षा की गई। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि प्रभावित गाँवों में प्रशासनिक टीमों की निरंतर पहुँच बनी रहे और हर जरूरतमंद तक राहत सामग्री समय पर पहुँचे।

मुख्यमंत्री  साय ने कहा कि बाढ़ जैसी प्राकृतिक आपदाएँ कठिनाई अवश्य लाती हैं, परंतु प्रशासनिक तत्परता और जनसहयोग से इन कठिनाइयों का समाधान संभव है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि राहत शिविरों और प्रभावित गाँवों में बच्चों, महिलाओं और बुजुर्गों की विशेष देखभाल की जाए तथा स्वास्थ्य और शिक्षा से जुड़ी आवश्यक सुविधाओं को प्राथमिकता दी जाए।

मुख्यमंत्री  साय के साथ वन मंत्री एवं जिले के प्रभारी मंत्री  केदार कश्यप, राजस्व मंत्री श्री टंकराम वर्मा, सांसद श्री महेश कश्यप, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव  सुबोध कुमार सिंह, राजस्व सचिव और आपदा राहत आयुक्त  रीना बाबा साहेब कंगाले, संभागायुक्त  डोमन सिंह सहित  जिला प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारीगण उपस्थित थे।

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