मध्य प्रदेश में आदिम जाति कल्याण मंत्री विजय शाह ने विवादित बयान दिया है. उन्होंने कहा कि स्कूलों में जय हिंद बोल कर हाजिरी लग रही है. जो भी बच्चा जय हिंद नहीं बोलेगा, उसे वह भोपाल ले जा कर समझा देंगे. मंत्री विजय शाह रतलाम जिले के प्रभारी मंत्री भी है और उन्होंने यह बयान रतलाम के मांगलिक भवन में आयोजित कार्यकर्ताओं की मीटिंग में दिया. उन्होंने पढ़ाई में कमजोर बच्चों की उपेक्षा पर नाराजगी प्रकट की. कहा कि अक्सर देखा जाता है कि जिन बच्चों को 13 या 18 का पहाड़ा नहीं आता, मास्टर जी उसे पीछे बैठा देते हैं.
प्रभारी मंत्री ने कहा कि आज जरूरत यह है कि कमजोर बच्चों को आगे लाया जाए. ठीक इस प्रकार समाज में भी दबे कुचले लोगों को भी आगे बढ़ने में मदद कर उन्हें राष्ट्र की मुख्य धारा से जोड़ने की कोशिश हो. प्रभारी मंत्री ने कहा कि राज्य में एक सितंबर से स्कूलों में बच्चों की हाजिरी जय हिंद कह कर लगने वाली है. यह सबके लिए अनिवार्य है. उन्होंने कहा कि वह रतलाम के प्रभारी मंत्री है, इसलिए इस व्यवस्था को लागू कराना उनकी जिम्मेदारी है.
मंदिर के कलश जैसे पार्टी कार्यकर्ता
उन्होंने कहा कि रतलाम में यदि कोई बच्चा जय हिंद नहीं बोलता है तो वह उसे भोपाल ले जाकर समझा देंगे. इस बैठक में उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं को दबंगता से बात रखने की सीख दी. कहा कि बात तार्किक और वजनदार तरीके से रखी जानी चाहिए. उन्होंने कहा कि जितना महत्व किसी मंदिर के शिखर पर लगे कलश का होता है, उतना ही बीजेपी में पार्टी कार्यकर्ताओं का होता है. कार्यकर्ताओं की वजह से ही डॉ. मोहन यादव आज सीएम हैं तो नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री हैं.
विपक्ष ने की आलोचना
इसलिए उन्होंने फिर दोहराया कि किसी भी पार्टी का अस्तित्व उसके कार्यकर्ताओं से है, इसलिए उनके सम्मान में कमी नहीं आनी चाहिए. इस मौके पर उन्होंने स्कूलों में बच्चों को प्रार्थना के समय तिरंगा लहराने और हाजिरी में जय हिंद बोलने की अपील की. रतलाम जिले के प्रभारी मंंत्री का यह बयान सोशल मीडिया में खूब वायरल हो रहा है. वहीं विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने इसे अहंकार बताते हुए कड़ी आलोचना की है.