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नगर का मिनी स्टेडियम 6 साल बाद भी अधूरा…ठकेदार की लापराही, गलियों में खेल रहे बच्चे

कांकेर– कांकेर शहर में खेल मैदानों की बहुत ज्यादा कमी है.जो मैदान हैं उनकी भी स्थिति अच्छी नहीं है. शहर के मिनी स्टेडियम के नाम से पहचाने जाने वाले मैदान को 6 साल पहले 4 करोड़ की लागत से सर्वसुविधायुक्त खेल मैदान के रूप में विकसित किया जाना था. जहां फुटबाल, कबड्डी, बालीबाल, बैडमिंटन, टेबल टेनिस, एथलेटिक्स खेल हो पाए लेकिन 6 साल बाद भी स्टेडियम निर्माण की बांट जोह रहा है. जो थोड़े बहुत निर्माण हुए वाह भी कंडम हो गए है. नतीजन खेल प्रमियों को अब नगर के गलियों।का सहारा लेना पड़ रहा है.

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बताते चले कि मिनी स्टेडियम में जगह जगह गड्ढे हो गए है.चारो तरफ स्टेडियम में झड़ियां उग आए है. जगह जगह शराब की बोतले पड़ी रहती है शाम होते ही स्टेडिम शराबियों का अड्डा बन जाता है. 6 साल बाद भी ठेकेदार ने अब तक सिर्फ डोम का ही निर्माण किया है. खेल मैदान परिसर 4 एकड़ क्षेत्र में बनना था. जहां फुटबाल, कबड्डी, बालीबाल, बैडमिंटन, टेबल टेनिस, एथलेटिक्स खेल हो पाते.इंडोर स्टेडियम का निर्माण अब तक अधूरा पड़ा हुआ है.

नगर से नेशनल स्तरीय खेलो में शामिल रही भूमिका यादव और दुर्गेश्वरी गोस्वामी बताती है कि स्टेडियम में जगह जगह बड़ी बड़ी झड़ियां उग गई है. शराब की बोतलें इधर-उधर पड़ी रहती है. कई बार स्टेडियम को सुधारने के लिए आवेदन दिया लेकिन कुछ नही हुआ है. बहुत सी लडकिया को खेलना आना बंद कर दी है. सस्टेडियम का निर्माण कराया जा रहा था लेकिन कई सालों से बन्द है.

सुनील बताते है नगर में मैदानों की कमी है साल 2018 से मिनी स्टेडियम में खेल बन्द हो गया है इसका निर्माण कराया जा रहा था. लेकिन अब तक पूरा नही हुआ है. नगर के बच्चे मजबूर है गलियों और कचरो की बीच मे खेलने को. स्टेडियम का निर्माण कराया गया कि कबाड़ा बनाया गया समझ नही आ रहा सिर्फ सरकार का पैसा बर्बाद किया गया है. शहर के हृदय स्थल में मिनी स्टेडियम भी यह मैदान था लेकिन ठेकेदार को लापरवाही से अब तक निर्माण कार्य पूरा नही हुआ है.

मैदान के लिए स्वीकृति जुलाई 2018 में मिली थी तथा दिसंबर 2020 तक निर्माण काम पूरा हो जाना था जो अभी तक अधूरा पड़ा है.

अब नवंबर 2021 तक निर्माण काम पूरा करने समयावधि तय की गई है.

लेकिन 2024 तक निर्माण काम अधूरा है.

फुटबाल, कबड्डी, बालीबाल, बैडमिंटन, टेबल टेनिस, एथलेटिक्स.इंडोर स्टेडियम का निर्माण होना था.

इंडोर स्टेडियम अब तक अधूरा पड़ा हुआ है.

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