राज्य शासन की महत्वाकांक्षी योजना नियद नेल्लानार योजना के बेहतर क्रियान्वयन की जमीनी हकीकत जानने कलेक्टर निलेश कुमार महादेव क्षीरसागर ने आज जिले के कोयलीबेड़ा विकासखंड अंतर्गत दूरस्थ संवेदनशील इलाके में स्थित ग्राम पानीडोबीर में चौपाल लगाई और ग्रामीणों की समस्याओं से सिलसिलेवार रूबरू हुए. इस दौरान बड़ी संख्या में ग्रामीणों ने कलेक्टर के समक्ष अपनी मांगें एवं समस्याएं रखीं.
कलेक्टर ने ग्रामीणों से कहा कि राज्य शासन की मंशा के अनुरूप नियद नेल्लानार योजना के माध्यम से बस्तर क्षेत्र के दूरस्थ अंचलों में अंतिम व्यक्ति तक शासन की योजनाओं का लाभ पहुंचाना है. इस योजना के तहत जिले के ग्राम पानीडोबीर का चयन हुआ है, जिसमें आसपास के गांवों को भी शामिल किया गया है. उन्होंने सभी ग्रामीणों से आग्रह करते हुए कहा कि आगे बढ़कर शासन की योजनाओं का लाभ उठाएं.
साथ ही उन्होंने कहा कि गांव की सभी मांगों और आवश्यकताओं को प्राथमिकता के साथ पूरा किया जाएगा. कलेक्टर ने ग्रामीणों को बताया कि उनकी मांग पर नियद नेल्लानार योजना के तहत क्षेत्र के दो नए गांव चिलपरस और जुंगड़ा को जोड़ा गया है, जिससे वहां के ग्रामीण भी इस महत्वाकांक्षी योजना से लाभान्वित हो सकें.
इस मौके पर ग्रामीणों ने वन अधिकार मान्यता पत्र के लंबित प्रकरण के जल्द निराकरण की मांग की, जिस पर जनपद पंचायत कोयलीबेड़ा के सीईओ ने बताया कि 80 आवेदकों को पट्टा तैयार करने का कार्य अंतिम चरण पर है.इसके अतिरिक्त ग्रामीणों ने आवास, शौचालय, पेयजल आपूर्ति, चिकित्सक, शाला भवन मरम्मत, शिक्षक की मांग, सड़क, आंगनबाड़ी केंद्र, हैंडपंप, स्ट्रीट लाइट, हाई मास्ट लाइट सहित कई मांगों और समस्याओं से जिला प्रशासन का ध्यान आकृष्ट कराया.
इसी तरह बालक आश्रम की तर्ज पर कन्या आश्रम शुरू करने और धान खरीदी केंद्र खोलने की भी मांग रखी. इस पर कलेक्टर ने कहा कि आगामी खरीफ विपणन वर्ष में यहां के किसानों को अपना धान बेचने 17- 18 किलोमीटर दूर कोयलीबेड़ा जाना नहीं पड़ेगा. उन्होंने यहां खरीदी केंद्र हेतु प्रस्ताव शासन को प्रेषित करने खाद्य अधिकारी को निर्देशित किया. साथ ही कलेक्टर ने ग्रामीणों के आवेदनों पर प्राथमिकता से नियमानुसार कार्रवाई करने की बात कही. इसी तरह ग्रामीणों की कतिपय अन्य मांगों पर कलेक्टर श्री क्षीरसागर ने ग्रामीणों को समझाइश देते हुए बताया कि नवीन कार्यों के लिए प्रस्ताव तैयार करने, प्रशासकीय स्वीकृति मिलने, वित्तीय आबंटन में शामिल करने जैसी प्रशासनिक प्रक्रियाओं में थोड़ा समय लगता है, अतः ग्रामीणजन धैर्य रखते हुए इसमें आवश्यक सहयोग करें.
आश्रम परिसर में किया पौधरोपण
इसके बाद कलेक्टर ने ग्राम पानीडोबीर के आदिवासी बालक आश्रम का अवलोकन कर परिसर में पौधरोपण भी किया.तदुपरांत उन्होंने विकासखंड मुख्यालय कोयलीबेड़ा में जनपद पंचायत कार्यालय, उपतहसील कार्यालय और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का भी अवलोकन किया तथा मरीजों से बातचीत कर उनका हालचाल जाना. इस अवसर पर ए डी एम अंतागढ़ श्री बी.एस. उइके, जिला पंचायत सी ई ओ सुमित अग्रवाल, एसडीएम पखांजूर एएस पैकरा सहित विभिन्न विभागों के जिला एवं ब्लॉक स्तर के अधिकारी उपस्थित थे.