नई दिल्ली: छंटनी की मार अभी भी कर्मचारियों पर पड़ रही है. चेन्नई मुख्यालय वाली सॉफ्टवेयर-एज-ए-सर्विस (SaaS) में भारी पैमाने पर एंप्लॉयीज की छंटनी हुई है. किस्सफ्लो ने 45 से 50 फीसदी एंप्लॉयीज की छंटनी की गई है जो पूरे वर्कफोर्स का करीब 15 फीसदी है.
किसफ्लो के संस्थापक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) ने बताया कि लगभग 20 से 25 लोगों को नौकरी से निकाल दिया क्योंकि मोशन का विस्तार करने के लिए भूमि-गति खरीद से दूरी बना ली थी, ऐसा हमारे उत्पादों में ग्राहक अधिग्रहण को बढ़ाने के लिए किया गया था.
पिछले दो महीनों में छंटनी की घोषणा से पहले फर्म के पास 400 से अधिक कर्मचारी पे रोल पर थे. फर्म ने भारत, अमेरिका और यूएई में कर्मचारियों को नौकरी से निकाला, हालांकि अमेरिका और यूएई में यह संख्या पांच से कम थी.
2012 में स्थापित, किसफ्लो क्लाउड-आधारित नो-कोड और लो-कोड मैनेजमेंट प्रोडक्ट का काम देता है. इसकी वेबसाइट के अनुसार, किसफ्लो के प्रोडक्ट का यूज 160 देशों में 10,000 से अधिक ग्राहक करते हैं. फर्म के चेन्नई, अमेरिका और दुबई में कार्यालय हैं. कंपनी में छंटनी की यह तलवार 5 सीनियर एग्जेक्यूटिव्स को 1 करोड़ रुपये मूल्य की 5 नई सीरीद बीएमडब्यू कार गिफ्ट करने के करीब दो साल बाद चली है. बता दें कि फर्म ने निकाले गए कर्मचारियों को सेवेरने अमाउंट का भुगतान किया गया है. फर्म ने बाहरी फंडिंग नहीं जुटाई है और आज तक बूटस्ट्रैप्ड बनी हुई है.
एआई और मैक्रो प्रभाव
छंटनी ऐसे समय में हुई है जब दुनिया भर में SaaS फर्म मैक्रोइकोनॉमिक स्थितियों के कारण मंदी का सामना कर रही हैं. कई SaaS फर्म भी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की चपेट में आ चुकी हैं. पिछले साल, नैस्डैक में सूचीबद्ध SaaS फर्म फ्रेशवर्क्स ने प्रदर्शन समीक्षा का हवाला देते हुए यूएस लोकेशन से अपने उत्पाद, इंजीनियरिंग और गो-टू-मार्केट (GTM) टीमों में कम से कम तीन बार छंटनी की थी.