महाराष्ट्र के सिंधुदुर्ग जिले के मालवण में राजकोट किले पर लगाई गई, छत्रपति शिवाजी महाराज की मूर्ति अनावरण के कुछ समय बाद ही गिर गई थी. जिसके बाद काफी बवाल देखने को मिला. उस समय सरकार पर कई आरोप लगाए गए थे, तब सरकार ने ऐलान किया था कि अब इससे बड़ी मूर्ति लगाई जाएगी.
अब राजकोट के उसी किले के लिए नई मूर्ति बनाने का काम प्रसिद्ध मूर्तिकार अनिल राम सुतार की फर्म को दिया गया है. जिसकी पुष्टी खुद अनिल सुतार ने की है. इसी फर्म ने ही स्टैच्यू ऑफ यूनिटी का निर्माण किया था. सरकार ने इस परियोजना के लिए 20 करोड़ रुपये की मंजूरी दी है.
इस साल अगस्त में, राजकोट किले में छत्रपति शिवाजी महाराज की 35 फीट की मूर्ति जिसका अनावरण पीएम मोदी ने दिसंबर 2023 में किया था. उद्घाटन किए जाने के लगभग सात महीने बाद यह मूर्ति ढह गई थी. जिसके एक महीने बाद, राज्य लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) ने 20 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत पर 60 फीट ऊंची नई प्रतिमा बनाने लिए टेंडर जारी किया था.
जिसमें कई आवेदन मिले थे, बाद में कोटेशन के आधार पर राम सुतार की फर्म को ठेका दे दिया गया. सुतार फर्म को ये काम 20.95 करोड़ में दिया गया है. सुतार फर्म को मूर्ति का काम 6 महीने में पूरा करना होगा.
सबसे महंगा कोटेशन लगाने के बाद भी सुतार को मिला आर्डर
इस मूर्ति के काम को लेकर कई कंपनियों ने अप्लाई किया था. जिसमें सबसे महंगा कोटेशन सुतार फर्म का ही था. जिसमें उन्होंने मूर्ति की अनुमानित लागत करीब 36 करोड़ रूपये बताई थी. हालांकि बाद में अधिकारियों ने सुतार फर्म से बातचीत की जिसके बाद उनको इस काम दिया गया.
सुतार फर्म को मूर्ति निर्माण का काम देने के पीछे उनके एक्सपीरियंस को देखा गया, यही कारण है कि सबसे महंगी बोली लगाने के बाद भी उन्हें काम दिया गया.
पहले से बड़ा होगा मूर्ति का आकार
पहले जो मूर्ति लगाई गई थी उसकी ऊंचाई 35 फिट थी. अब जिस मूर्ति का काम चल रहा है वह करीब 60 फिट होगी. मजबूत करने के लिए कंक्रीट से बना 3 मीटर ऊंचा मजबूत बेस होगा. इसका पूरा कामकाज आईआईटी बॉम्बे की देखरेख में किया जाएगा. अभी सुतार फर्म ने 3 फीट का फाइबर मॉडल बनाया है. इसको देखने के बाद मंजूरी दी जाएगी, तब जाकर मूर्ति का काम शुरू किया जाएगा.
नए टेंडर की शर्त के मुताबकि इस मूर्ति को लगाने के बाद 10 साल तक सुतार फर्म को ही देखरेख करनी होगी. इसके साथ ही मूर्ति की मजबूती की 100 साल की गारंटी होगी.