पाकिस्तान के लिए जासूसी के आरोप में पकड़ी गई यूट्यूबर और ट्रैवल व्लॉगर ज्योति मल्होत्रा के पाकिस्तान यात्रा और संदिग्ध कांटेक्ट्स को लेकर बड़ा खुलासा हुआ. सूत्रों के मुताबिक, ज्योति पहलगाम आतंकी हमले और ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तानी इंटेलिजेंस ऑपरेटिव्स (PIOs) के संपर्क में थी. पूछताछ के दौरान उसने अपने कांटेक्ट्स स्वीकार कर लिए हैं, लेकिन पुलिस ने अभी उसके कबूलनामे की जानकारी को साझा करने से इनकार किया है ताकि जांच प्रभावित न हो.
पाकिस्तानी एजेंसी की सॉफ्ट टारगेट थी ज्योति मल्होत्रा
पुलिस का कहना है कि ज्योति का अब तक किसी आतंकी संगठन या उनसे सहानुभूति रखने वालों से सीधा संबंध नहीं मिला है, लेकिन वह एक ‘सॉफ्ट टारगेट’ थी जिसे पैसे और ऐशो-आराम की चाह ने ऐसा करने के लिए बाध्य कर दिया. अधिकारियों के अनुसार, उसने पाकिस्तान यात्रा को अपने व्यूज़ और फॉलोअर्स बढ़ाने का जरिया समझा और यहां तक कि पाकिस्तानी दूतावास के भीतर से भी वीडियो बनाए.
सूत्र बताते हैं कि ज्योति को इस बात की पूरी जानकारी थी कि वह किसके संपर्क में है और वो लोग क्या करते हैं, यह कोई मासूमियत या अंजाने में हुई गलती नहीं मानी जा सकती है. पुलिस की जांच का एक बड़ा हिस्सा अब उसके व्लॉग्स के प्रायोजकों की जांच पर केंद्रित है.
रडार पर UAE आधारित ट्रैवल कंपनी Wego
खासतौर पर UAE आधारित ट्रैवल कंपनी Wego पर नज़र है, जिसने कई बार ज्योति के इन व्लॉग्स को स्पॉन्सर किया था. Wego एक मिडिल ईस्ट बेस्ड ट्रैवल ऐप है, जिसकी मौजूदगी पाकिस्तान में भी है और सिंगापुर-दुबई में इसका मुख्यालय है.
Wego को पाकिस्तान टूरिज्म से लाइसेंस प्राप्त है और यह IATA (International Air Transport Association) से भी मान्यता प्राप्त ट्रैवल एजेंसी है. हालांकि, अब तक Wego के खिलाफ प्रत्यक्ष रूप से किसी पाकिस्तानी फंडिंग का सबूत नहीं मिला है, लेकिन इस मामले में इसकी भूमिका की जांच जारी है.
हिसार पुलिस ने पुष्टि की है कि ज्योति के व्लॉग्स से जुड़े सभी स्पॉन्सर्स की गहन जांच की जा रही है, ताकि यह पता लगाया जा सके कि कहीं इनमें से कोई लिंक संदिग्ध गतिविधियों से तो नहीं जुड़ा है. जांच एजेंसियां अब ज्योति के पाकिस्तान जाने के पहले वीज़ा आवेदन से लेकर उसके हर कदम पर नज़र डाल रही हैं. आने वाले दिनों में इस मामले में कई मोड़ आ सकते हैं.