मनेन्द्रगढ़ चिरमिरी भरतपुर : चिरमिरी नगर निगम इन दिनों आर्थिक संकट से जूझ रहा है. जिसका असर यहां काम करने वाले कर्मचारियों पर पड़ा है. हालात ये है कि पिछले पांच महीनों से निगम के कर्मचारियों को सैलरी नहीं मिली है. दशहरा और दिवाली जैसे पर्व में भी इन कर्मचारियों के घरों में खुशी के दिए नहीं जले.फिर भी ये मन लगाकर अपने काम में डटे रहे.लेकिन अब तो हालात ये हैं कि किसी दूसरे से पैसे मांगने की सूरत भी नहीं बची.
पूर्व विधायक विनय जायसवाल ने कर्मचारियों की इस समस्या को गंभीरता से लेते हुए कलेक्ट्रेट कार्यालय पहुंचकर कलेक्टर से बातचीत की.उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि कर्मचारियों के वेतन में पहले एक-दो महीने की देरी होती थी.जिसे लोग किसी तरह सहन कर लेते थे. लेकिन अब पांच महीने से वेतन नहीं मिलने से हालात बहुत खराब हो गए हैं.
निगम के गरीब कर्मचारियों के हित में तत्काल कदम उठाए जाने चाहिए. कर्मचारी दाने-दाने को मोहताज हो गए हैं. वे अपने परिवार का पालन-पोषण कैसे करें? त्योहारों में जब हर घर खुशियों से भरा हुआ था, ये कर्मचारी सब्जी और राशन तक के लिए संघर्ष कर रहे थे.नगर निगम के कर्मचारी बेहद कठिन परिस्थितियों में हैं.उनकी समस्या को लेकर मैंने कलेक्टर से बात की है.उम्मीद है कि जल्द ही समाधान निकलेगा- डॉ विनय जायसवाल, पूर्व विधायक
वेतन भुगतान में देरी पर जताई नाराजगी : नगर निगम कर्मचारियों का वेतन अटकने के पीछे क्या कारण हैं, इसका अब तक कोई स्पष्ट जवाब नहीं मिला है. विनय जायसवाल ने कहा कि प्रशासन को इसे प्राथमिकता से हल करना चाहिए. भविष्य में इस तरह की समस्याओं को रोकने के लिए ठोस व्यवस्था करनी चाहिए.
समय पर नहीं मिलता वेतन : कर्मचारियों का कहना है कि दिवाली में भी वेतन नहीं मिला.ऐसा लगातार हो रहा है कि कभी 2 महीने में वेतन मिलता है,तो कभी चार महीने में वेतन मिलता है.कभी भी समय में हम लोगों को वेतन नहीं मिल पा रहा है.वहीं क्रमोन्नति में कर्मचारियों को कई सालों तक इंतजार करना पड़ रहा है.इसका समाधान नहीं होने पर हम विरोध करेंगे.
आगामी 11 दिसंबर से हम सभी हड़ताल पर जाएंगे.समस्त कर्मचारी और संघ ने ये फैसला किया है कि हम निगम के कार्यों को बंद करेंगे.चाहे वो सफाई व्यवस्था हो,पानी की व्यवस्था हो या निर्माण कार्य हो- विकास पाण्डेय,निगम कर्मचारी
आपको बता दें कि निगम के कर्मचारियों को वेतन नहीं मिलने से उनकी आर्थिक स्थिति बिगड़ चुकी है.
नगर निगम के कर्मचारियों को अब प्रशासन से उम्मीद है कि उनकी आवाज सुनी जाएगी. वेतन का भुगतान जल्द से जल्द किया जाए, ताकि उनकी जिंदगी सामान्य हो सके.