मध्य प्रदेश सरकार देश का पहला आधुनिक यूनानी हम्माम (यूनानी बाथ थैरेपी सेंटर) बनाने जा रही है। ‘हम्माम’ एक अरबी शब्द है, जिसका अर्थ है गर्म स्नानगृह। यह यूनानी चिकित्सा पद्धति का महत्वपूर्ण हिस्सा रहा है, जिसका उपयोग मोटापा, त्वचा रोग, मधुमेह और अन्य रोगों के प्राकृतिक उपचार में होता है।
कलियासोत की पहाड़ी पर स्थित हकीम सैयद जियाउल हसन शासकीय यूनानी चिकित्सा महाविद्यालय के परिसर में इस आधुनिक हम्माम का निर्माण प्रस्तावित है। इस परियोजना के लिए लगभग तीन करोड़ रुपये की डीपीआर (डीटेल्ड प्रोजेक्ट रिपोर्ट) बनाकर आयुष विभाग को भेजी जा चुकी है।
अगली वित्त समिति की बैठक के एजेंडे में इसे शामिल किया गया है। इस हम्माम में तीन अलग-अलग कमरे होंगे, जिनमें भट्ठी युक्त स्नानगृह और उपचारात्मक कक्ष शामिल होंगे। आयुष विभाग के अधिकारियों का कहना है कि यह पहल न केवल पारंपरिक चिकित्सा को मजबूती देगी, बल्कि मध्यप्रदेश को मेडिकल टूरिज्म के क्षेत्र में एक नई पहचान भी दिलाएगी।
छह माह में तैयार हुआ प्रोजेक्ट
इस प्रोजेक्ट को तैयार करने में लगभग छह महीने का समय लगा। विशेषज्ञों ने नवाबी दौर के हम्मामों पर रिसर्च कर इसका मॉडल तैयार किया है। इस हम्माम में तीन अलग-अलग कमरे होंगे, जिनमें अलग-अलग तापमान होगा और हर कमरे में 10 से 15 मिनट तक रहने की सलाह दी जाएगी। इन तीन चरणों में व्यक्ति को बारी-बारी से रखा जाएगा, ताकि शरीर की मांसपेशियों में गर्मी प्रवेश कर सके, जिससे जोड़ों के दर्द, त्वचा रोग और मोटापे जैसी समस्याओं का इलाज संभव होगा।
हर कमरे में अलग तापमान
– पहला कमरा : 36.5 डिग्री तापमान
– दूसरा कमरा : 42 से 45 डिग्री तापमान
– तीसरा कमरा : 50 डिग्री तापमान
आधुनिक तकनीक से लैस होगा हम्माम
यह हम्माम आधुनिक तकनीक से लैस होगा, जिसमें तापमान नियंत्रण, भाप की व्यवस्था, स्नान व्यवस्था और चिकित्सकीय निगरानी की पूरी सुविधा होगी। भोपाल का यह हम्माम न केवल प्रदेश बल्कि पूरे भारत के लिए एक मिसाल बनने जा रहा है। यूनानी पद्धति को वैज्ञानिक और तकनीकी रूप से समृद्ध बनाने की दिशा में यह एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
हम्माम की अवधारणा नवाबी दौर में लोकप्रिय थी, अब उसे वैज्ञानिक और तकनीकी स्वरूप दिया जा रहा है। मप्र इस क्षेत्र में देश का पहला राज्य बनने जा रहा है, जहां सरकारी स्तर पर ऐसा हम्माम बनेगा।