भारतीय स्टेट बैंक (SBI) ने ग्राहकों को बड़ा झटका दिया है. बैंक ने चुनिंदा अवधियों पर अपने मार्जिनल कॉस्ट ऑफ फंड-बेस्ड कर्ज की दरों (MCLR) में 10 आधार अंक यानी 0.10 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी की है. इससे लोन ऑटो व पर्सनल लोन समेत अन्य कर्ज महंगे हो जाएंगे. साथ ही लोगों को अब ईएमआई ज्यादा चुकानी पड़ेगी. नई दरें 15 जुलाई, 2024 यानी सोमवार से लागू हो गई हैं.
SBI ने छह महीने, एक साल और दो साल की अवधि के लिए एमसीएलआर दरों में 0.10 प्रतिशत की बढ़ोतरी की है, जिससे ये क्रमशः 8.75%, 8.85% और 8.95% हो गई है. वहीं तीन साल के एमसीएलआर को 5 आधार अंक बढ़ाकर 9% कर दिया गया है. इससे पहले जून में बैंक ने चुनिंदा अवधियों पर लोन रेट (एमसीएलआर) में 10 बीपीएस की बढ़ोतरी की थी.
क्या होता है एमसीएलआर?
एमसीएलआर को मार्जिनल कॉस्ट ऑफ फंड्स बेस्ड लेंडिंग रेट कहते हैं. यह वह न्यूनतम उधार दर है जिसके नीचे बैंक किसी को उधार नहीं दे सकते हैं. MCLR का सीधा असर आपके पर्सनल और ऑटो लोन की EMI पर होता है. MCLR बढ़ने से नया लोन महंगा हो जाता है. साथ ही आपकी मौजूदा लोन की ईएमआई भी बढ़ जाती है.
एसबीआई ईबीएलआर में नहीं हुआ बदलाव
एसबीआई एक्सटर्नल बेंचमार्क लेंडिंग रेट्स (ईबीएलआर) में कोई बदलाव नहीं किया गया है. इसे 9.15% रखा गया है. सभी होम लोन एक्सटर्नल बेंचमार्क लेंडिंग रेट्स से जुड़े हुए हैं और एसबीआई होम लोन की ब्याज दरें 8.50% से 9.65% के बीच होती हैं. यह CIBIL स्कोर के आधार पर अलग-अलग होती हैं.
रेपो रेट में नहीं हुआ बदलाव
भारतीय रिजर्व बैंक ने रेपो रेट में कोई बदलाव न करते हुए फरवरी 2023 से इसे 6.5 प्रतिशत पर बनाए रखा है. आठवीं बार केंद्रीय बैंक ने इसे स्थिर रखा है. आरबीआई मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की बैठक में ये फैसला लिया गया था.