एयर इंडिया-171 विमान हादसे की जांच रिपोर्ट पर पायलटों के संगठन ‘इंडियन कॉमर्शियल पायलट्स एसोसिएशन (आईसीपीए) ने ने सवाल खड़े किए हैं. एसोसिएशन का मानना है कि पायलटों को पहले से ही दोषी मान लेना गलत है. रविवार (13 जुलाई) को एसोसिएशन ने कहा कि पिछले महीने दुर्घटनाग्रस्त हुए AI 171 उड़ान के चालक दल ने चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में जिम्मेदारी के साथ काम किया. साथ ही अपने प्रशिक्षण और कर्तव्यों का निर्वहन किया.
एसोसिएशन का कहना है कि पायलटों को अनुमान के आधार पर बदनाम नहीं किया जाना चाहिए. एसोसिएशन ने कुछ हलकों में पायलट के आत्महत्या करने संबंधी अटकलों को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि जब तक आधिकारिक जांच पूरी नहीं हो जाती और अंतिम रिपोर्ट नहीं आ जाती, कोई भी अटकलबाजी अस्वीकार्य है और इसकी निंदा की जानी चाहिए.
हादसे की निष्पक्ष और तथ्य-आधारित जांच की मांग
एएआईबी ने जारी की प्रारंभिक जांच रिपोर्ट
रिपोर्ट में क्या कहा गया
12 जून को अहमदाबाद से लंदन गैटविक जा रहे एअर इंडिया की एआई171 उड़ान के दुर्घटनाग्रस्त होने की घटना पर अपनी प्रारंभिक रिपोर्ट में एएआईबी ने शनिवार को कहा कि बोइंग 787-8 विमान के ईंधन स्विच उड़ान भरने के तुरंत बाद बंद हो गए थे. रिपोर्ट में कहा गया कि कॉकपिट की आवाज रिकॉर्डिंग में एक पायलट दूसरे से पूछता सुनाई देता है कि उसने ईंधन क्यों बंद किया, जिस पर दूसरा पायलट ईंधन बंद करने से इनकार करता है.
आईसीपीए ने रविवार को कहा कि वह मीडिया और कुछ सार्वजनिक चर्चाओं में लगाई जा रही अटकलों से बहुत परेशान है, विशेष रूप से पायलट की आत्महत्या के संबंध में लापरवाह और निराधार आरोप से. आईसीपीए ने बयान में कहा, कि इस समय ऐसे दावे का कोई आधार नहीं है और अधूरी या प्रारंभिक जानकारी के आधार पर इस तरह के गंभीर आरोप लगाना न केवल गैरजिम्मेदाराना है बल्कि इसमें शामिल लोगों और परिवारों के प्रति भी असंवेदनशील रवैया है.