बिहार के उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा ने साफ कहा कि व्यवसायी गोपाल खेमका की हत्या के दोषी कहीं भी छिपे हों, उन्हें कठोरतम सजा मिलेगी. शनिवार को विजय कुमार सिन्हा ने शोकसंतप्त परिवार से मिले और कहा कि इस दुःख की घड़ी में हम सभी उनके साथ हैं. पीड़ित परिवार से मुलाकात के बाद अपने फेसबुक पोस्ट में सिन्हा ने कहा कि बीती रात एग्जीबिशन रोड पर पटना के प्रतिष्ठित व्यवसायी गोपाल खेमका की अपराधियों द्वारा निर्मम हत्या कर दी गई. यह केवल एक हत्या नहीं, बल्कि कानून व्यवस्था को चुनौती देने की कोशिश है.
उन्होंने कहा कि जो भी इस जघन्य कृत्य में शामिल है, चाहे वो धरती के किसी कोने में छिपा हो, उसे पाताल से खींचकर निकाला जाएगा. उन्होंने साफ कहा कि अब सिर्फ गिरफ्तारी नहीं, अब हिसाब होगा. जरूरत पड़ी तो एनकाउंटर भी होगा और अगर अपराधियों के घर पर बुलडोजर चलाना पड़े तो प्रशासन पीछे नहीं हटेगा.
World War 3 will be for language, not land! pic.twitter.com/0LYWoI3K0r
— India 2047 (@India2047in) July 4, 2025
पीएम और सीएम सामाजिक न्याय के पक्षधर
इससे पहले विजय कुमार सिन्हा ने शनिवार को विपक्ष पर बड़ा हमला बोला. बिहार भाजपा के OBC मोर्चा के तत्वावधान में आयोजित कार्यक्रम में सिन्हा ने विपक्ष पर जातिगत विभाजन की आग में रोटी सेंकने का आरोप लगाया.
उन्होंने केंद्र सरकार द्वारा प्रस्तावित जातिगत जनगणना को समग्र सामाजिक न्याय की दिशा में उठाया गया कदम बताया. उन्होंने कहा कि देश के प्रधानमंत्री और बिहार के मुख्यमंत्री दोनों ही समाज को तोड़ने के बजाय जोड़ने वाले सामाजिक न्याय के पक्षधर हैं.
उन्होंने कहा कि हमारे संगठन और गठबंधन दोनों की नींव में सबका साथ सबका विकास का भाव छुपा है. एक तरफ हमारे आदि संगठनकर्ता दीनदयाल ने इसी भाव को ‘एकात्म मानववाद’ के रूप में व्यक्त किया था. वहीं, दूसरी तरफ अटल बिहारी वाजपेयी की NDA सरकार में भी इसी सोच के साथ ‘अंत्योदय’ का समेकित प्रयास किया गया था.
जातिगत सर्वेक्षण को लेकर कांग्रेस पर बोला हमला
सिन्हा ने आगे कहा कि 2023 में बिहार में जो जाति आधारित सर्वे हुआ था, उसका खाका NDA सरकार ने ही तय किया था. जब सर्वे विधानसभा में पारित हुआ तब भी भारतीय जनता पार्टी और NDA ने विपक्ष में रहते हुए भी इसका पूर्ण समर्थन किया था, लेकिन जाति की आग में राजनीतिक रोटी सेंकने वाले राजद-कांग्रेस के लोग महज श्रेय लूटने के प्रयास में जुटे रहे.
उन्होंने कहा कि ये जब सत्ता में थे, तब 2011 में हुई जनगणना में इन्होंने जातिगत सर्वेक्षण तक कराने से मना कर दिया था. कांग्रेस ने वर्षों तक मंडल आयोग की रिपोर्ट को दबाए रखा था.
समग्र सामाजिक न्याय की जरूरत
सिन्हा ने कहा देश को आज जातिगत विभाजन को बढ़ावा देने वाले कथित सामाजिक न्याय की जगह समग्र सामाजिक न्याय की जरूरत है, जिसमें हाशिये पर खड़े हर तबके को न्यायपूर्ण विकास का अवसर मिले. इसीलिए प्रधानमंत्री मोदी प्राथमिकता के आधार पर गरीब, युवा, महिला और किसान के विकास की बात करते हैं.
उन्होंने कहा कि बिहार में भी 6 हजार रुपये से कम आमदनी वाले 94 हजार परिवारों तथा 10 हजार रुपये से कम आमदनी वाली 63 फीसदी आबादी का समेकित विकास हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए. इसके लिए आपसी भेदभाव को भूलकर सभी राजनीतिक पार्टियों को प्रयास करना होगा.