श्योपुर : जिले के कराहल आजकल सुर्ख़ियों में बना हुआ है.क्योंकि यहां सभी सरकारी नियम और कायदों की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं. भू माफिया सरकारी जमीन पर कब्जा करके निर्माण कार्य कर रहे हैं. इसके अलावा कूटरचित दस्तावेज बनवाकर प्रशासन को गुमराह करते हुए सरकारी जमीनों की खरीद फरोख्त कर रहे है.
इन सभी मामलों में राजस्व विभाग के अधिकारियों की भी मिलीभगत चल रही है.यह बात इसी लिए कही जा रही है कि जहां भू माफियाओं ने कब्जा किया है बह विवादित जमीन है.बही प्रशासन को गुमराह करते हुए भू माफिया आदिवासी की जमीन पर अपना पट्टा बताने का काम कर रहे हैं.भू माफिया राजस्व विभाग के उच्च अधिकारियों से मिलीभगत कर कब्जा कर रहे है.
इन लोगों ने उक्त संपत्ति जो कि सरकारी भूमि है,पर कूटरचित दस्तावेज तैयार कर लिये है, बताया जा रहा है कि इस भूमि के फर्जी पट्टे बनाकर लोगो को गुमराह कर बेचान किया जा रहा है.जिस जगह पर यह निर्माण किया जा रहा है,वह राजस्व रिकॉर्ड में भी सरकारी भूमि है.कराहल एसडीएम ने भी दो दिन पहले बताया था कि बेदखली का आदेश जारी होने के दो दिन बाद अतिक्रमण को हटाने का काम शुरू कर दिया जाएगा.
पंरतु 4 दिन बीत जाने के बाद भी राजस्व विभाग के अधिकारियों के द्वारा भू माफियाओं के अवैध निर्माण को तोड़ने का काम अभी तक नहीं किया गया है.आदेश जारी हुआ है फिर भी तहसीलदार के द्वारा कोई एक्शन नहीं लिया जा रहा है.आमजन भी अब इसी उम्मीद में आस लगाकर बैठा है कि कब भू माफियाओं के कब्जे से यह सरकारी जमीन मुक्त होगी.
आदिवासी की जमीन गैर आदिवासी को बेचने पर पूर्ण प्रतिबंध
मध्यप्रदेश में आदिवासियों की जमीन किसी गैर आदिवासी को बेचने की अनुमति नहीं हैं और न ही इस प्रावधान में कोई बदलाव किया गया है.
प्रदेश के अनुसूचित आदिवासी क्षेत्रों में भू-राजस्व की संहिता की धारा 165 के अनुसार किसी आदिवासी की जमीन किसी गैर आदिवासी को बेचने पर पूर्ण प्रतिबंध है और जिले के कलेक्टर भी इसकी अनुमति नहीं दे सकते.मध्यप्रदेश सरकार आदिवासियों के समस्त हितों का संरक्षण करने के लिए कटिबद्ध है और ऐसा कोई कदम कभी नहीं उठायेगी, जो प्रदेश के आदिवासियों के हित में न हो.
मुख्यमंत्री ने कहा कि मध्यप्रदेश सरकार ने जो सामान्य सा बदलाव किया है और जिसको लेकर भ्रम और अफवाह फैलायी जा रही है वह सिर्फ यह है कि अनुसूचित क्षेत्रों में गैर आदिवासी द्वारा गैर आदिवासी की जमीन खरीदने के बाद डायवर्सन के लिए जो समय-सीमा थी, उसे समाप्त किया गया है.पंरतु श्योपुर जिले में इससे उलट है.
विवादित जमीन पर भू माफियाओं का कब्जा,सरकारी जमीन पर भी कब्जा कर निर्माण कार्य जोरों पर
श्योपुर जिले के कराहल में एक विवादित जमीन पर भू माफियाओं की नजर है.जबकि विवादित जमीन का मामला कोर्ट में पेंडिंग चल रहा है.उसके बाद भी प्रशासन भू माफियाओं के खिलाफ कोई एक्शन नहीं ले रहा है.इसके अलावा आदिवासी की जमीन पर भी भू माफियाओं ने कब्जा कर उस पर निर्माण कार्य कराने का काम किया जा रहा है.
जबकि एसडीएम ने साफ तौर पर कहा कि आदिवासी भू दान की जमीन को बेच नहीं सकता और अगर बह ऐसा करता है तो स्वत: प्रशासन उसको सरकारी घोषित कर कब्जा मुक्त कराएगी पंरतु कराहल में एक राजस्व विभाग का कर्मचारी एसडीएम को गुमराह कर झूठी कहानी बनाकर उक्त जमीन को कब्जा मुक्त नहीं होने दे रहा है।यह आरोप शिकायतकर्ता लगा रहा है.
एसडीएम बोले पटवारी रिपोर्ट दे रहा है कि सरकारी भूमि में निर्माण कार्य नहीं हो रहा है
कराहल एसडीएम बीएस श्रीवास्तव ने कहा कि पटवारी द्वारा रिपोर्ट दी जा रही है कि उक्त निर्माण कार्य सरकारी भूमि में नहीं किया जा रहा है. और तहसीलदार का कहना है कि जो लोग निर्माण कार्य कर रहे हैं बह पट्टा लेकर आए हैं. जबकि अब आदिवासी का पट्टा भी अब निरस्त करने के लिए प्रतिवेदन लिख दिया है.और पूरा मामला गलत उलझा हुआ है.जो पट्टा लेकर आए हैं उनकी जांच की जाएगी. कुरचित दस्तावेज बनवाया गया है तो उनके विरुद्ध भी मामला दर्ज किया जाएगा.
कलेक्टर की कार्रवाई पर लोगों की निगाहें…. क्या अब कलेक्टर का हस्तक्षेप भू माफियाओं के अवैध निर्माण पर बुलडोजर चलाएगा
जिस सरकारी और विवादित जमीन पर भू माफियाओं ने कब्जा किया है.उस पर कराहल स्थानीय प्रशासन के द्वारा कोई एक्शन नहीं लिया जा रहा है. अब लोग कलेक्टर के हस्तक्षेप की मांग कर भू माफियाओं अवैध निर्माण पर बुलडोजर चलाने की मांग कर रहे है.जबकि स्थानीय प्रशासन अपने तर्क वितर्क में उलझा हुआ है.