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दो दिन तक घर पर रखनी पड़ती है डेड बॉडी, कमर तक भरे नाले से शव ले जाने मजबूर लोग

दमोह: बारिश के कारण दमोह में भी हालात बिगड़े हुए हैं. इस बीच मरने वाले लोगों को मौत के बाद भी सुकून नसीब नहीं हो रहा है. मगरौन ग्राम पंचायत के गांव हरदुआ में कमर तक भरे पानी के बीच से निकाल कर लोगों को अंतिम संस्कार के लिए ले जाना पड़ रहा है.

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दमोह के मगरोन ग्राम पंचायत में बारिश के कारण हर तरफ पानी भर गया है. यहां लोगों को तीन फीट पानी से निकल कर अंतिम संस्कार के लिए शव को ले जाना पड़ रहा है. ग्रामीणों ने बताया कि कई बार तो हालात ऐसे हो जाते हैं, कि शव को एक-दो दिन तक घर में रखना पड़ता है और जब पानी कम होता है, तब जाकर अंतिम संस्कार किया जाता है. समस्या इतनी बड़ी है कि नाला पार करने के डर से लोग कई बार अंतिम यात्रा में भी एकत्रित नहीं होते हैं.

शव पूरी रात घर पर रखना पड़ा

गांव हरदुआ में रविवार को एक व्यक्ति की मौत हो गई, लेकिन दिन भर पानी बरसता रहा और श्मशान घाट जाने के लिए कोई व्यवस्था नहीं थी. इसलिए सारी रात शव को घर पर ही रखना पड़ा. जब सोमवार को कुछ देर के लिए मौसम खुला और नाला का पानी कम हुआ, तो गांव के लोग व परिजन शव को अंतिम संस्कार के लिए ले गए.

शव यात्रा में नहीं आते लोग

एक मृतक के बेटे बलराम ने बताया कि “हम गांव बस्ती से करीब 2 किलोमीटर दूर रहते हैं और इतनी ही दूर यहां का श्मशान घाट है, लेकिन रास्ते में एक नाला पड़ता है, जो बारिश के समय लबालब भरा रहता है. यदि किसी की मृत्यु हो जाए तो उसका अंतिम संस्कार करना कठिन होता है. चार लोग भी कंधा देने के लिए मिल जाए तो बड़े नसीब की बात है.” बलवान बताते हैं कि कई बार जब लगातार बारिश होती है. तो शव का उसी दिन संस्कार नहीं हो पता है और एक या दो दिन तक के लिए उसे रोकना भी पड़ता है. हमारी प्रशासन से मांग है कि श्मशान घाट तक जाने के लिए रोड व पुलिया की व्यवस्था की जाए.

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