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पत्रकारिता में आ रहा साहित्य का खालीपन, इस पर काम हो : डॉ महताब आलम

भोपाल। बदले हालात में भी पाठक का मिडिया पर भरोसा बरकरार है। जहाँ तक पत्रकारिता और साहित्य का सम्बन्ध है, यह अटूट रिश्ता है। वर्तमान समय में पत्र पत्रिकाओं में साहित्य के लिए स्थान कम ज़रूर हुआ है, जो चिंता का विषय है और उस पर काम करने की ज़रूरत है।

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वरिष्ठ पत्रकार डॉक्टर महताब आलम ने यह बात कही। वे
मध्यप्रदेश हिंदी साहित्य सम्मेलन द्वारा आयोजित नीलम जयंती शब्द उत्सव के दूसरे दिन कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने उर्दू और हिंदी पत्रकारिता में साहित्य के महत्व पर भी प्रकाश डाला। साहित्य और पत्रकारिता सत्र की अध्यक्षता बिष्णु नगर ने की। मुख्य अतिथि के रूप में विजय राय ने सत्र को सम्बोधित किया। सत्र में वरिष्ठ पत्रकारों ने भारत में पत्रकारिता के इतिहास और साहित्य से उसके रिश्ते पर विस्तार से चर्चा की। हरीश पाठक और सर्वमित्रा सुरजन ने भी साहित्य और पत्रकारिता विषय पर अपने विचार रखे। सत्र के सूत्रधार पंकज शुक्ल थे।

बदल गया प्रश्न स्वरूप : अग्रवाल
साहित्य की अकादमिक दुनिया सत्र में विजय अग्रवाल एवं लक्ष्मी शरण मिश्र ने युवाओं में लोकप्रिय साहित्य, हिंदी भाषा छात्रों से होने वाले भेदभाव, गूगल ट्रांसलेशन हिंदी माध्यम के छात्रों की कमियों आदि पर बातचीत की। सत्र का संयोजन व संचालन अभिषेक वर्मा ने किया। विजय अग्रवाल ने कहा कि साहित्य के पुरस्कारों से जुड़े प्रश्न प्रतियोगी परीक्षाओं ने पहले पूछे जाते थे। अब ऐसे प्रश्न नदारद हैं। धीरे धीरे साहित्य खारिज होता जा रहा है। लक्ष्मी शरण मिश्र ने कहा कि आज के ऑफिसर्स किताबें नहीं पढ़ रहे हैं, क्योंकि उनके पास धैर्य नहीं है। हम रोबोटिक ब्यूरोक्रेसी तैयार कर रहे हैं। हिन्दी साहित्य से पास हो रहे बच्चों ने भी साहित्य की कोई किताब नहीं पढ़ी।
साहित्य एवम रंगमंच सत्र में राजीव वर्मा, हिमांशु राय, हेमंत देवलेकर, मुकेश शर्मा एवम स्वस्तिका चक्रवर्ती मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित रहे। संयोजन व संचालन विवेक सावरीकर ने किया।

आयोजन के दौरान दूसरे दिन
की शुरुआत फिल्म महोत्सव के साथ हुई। कुल 7 फिल्मों का प्रदर्शन और एक फिल्म का प्रीमियर किया गया। इनमें अनिल धीमान द्वारा निर्देशित भारतीय सड़कें, सुदीप सोहनी की यादों में गणगौर, रश्मि गोल्या की डेड सोसायटी, विवेक त्रिपाठी मानस की चश्मिश, सोनल शर्मा की काली चाट, अली की होप और शुभम बिस्वास की डाइंग प्रोफेशन का प्रदर्शन किया गया। महोत्सव में शिखा भारद्वाज की फिल्म मैरिज एग्रीमेंट का प्रीमियर किया गया।

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