‘दुश्मन कहीं भी हो हौंक दिया जाएगा’, कनपुरिया अंदाज में पाकिस्तान पर बरसे PM मोदी, देखें वीडियो

कानपुर दौरे के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का अलग अंदाज देखने को मिला. यहां एक तरफ उन्होंने अरबों रुपये के प्रोजेक्ट्स का लोकार्पण/शिलान्यास किया तो दूसरी तरफ देश के दुश्मनों को कड़ी चेतावनी भी दी. प्रधानमंत्री मोदी कनपुरिया अंदाज में पाकिस्तान पर बरसे. मंच से बोलते हुए उन्होंने कहा कि ‘दुश्मन कहीं भी हो हौंक दिया जाएगा.’ साथ ही प्रधानमंत्री ने यह भी क्लियर किया ‘ऑपरेशन सिंदूर’ अभी खत्म नहीं हुआ है. ये नया भारत है, घर में घुसकर दुश्मन को मिट्टी में मिलाना जानता है.

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दरअसल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कानपुर में एक जनसभा को संबोधित कर रहे थे. इस दौरान उन्होंने कहा कि पाकिस्तान का स्टेट और नॉन स्टेट एक्टर का खेल अब चलने वाला नहीं है. अगर मैं सीधे-सीधे कनपुरिया में कहूं कि दुश्मन कहीं भी हो, हौंक दिया जाएगा. ‘ऑपरेशन सिंदूर’ में दुनिया ने भारत के स्वदेशी हथियारों और मेक इन इंडिया की ताकत भी देखी है. हमारे भारतीय हथियारों ने और ब्रह्मोस मिसाइल ने दुश्मन के घर में घुसकर तबाही मचाई है. जहां टारगेट तय किया, वहां धमाके किए. ये ताकत हमें आत्मनिर्भर भारत के संकल्प से मिली है.

प्रधानमंत्री मोदी ने आगे कहा, ऑपरेशन सिंदूर के रूप में पूरी दुनिया ने देखा है. हमने पाकिस्तान में आतंकियों के ठिकाने और घर में घुसकर सैकड़ों मिल अंदर जाकर तबाह कर दिए. हमारी सेना ने ऐसा पराक्रम दिखाया कि पाकिस्तानी सेना को गिड़गिड़ा कर युद्ध रोकने की शिफारिश करने लगा. प्रधानमंत्री ने पाकिस्तान को सख्त लहजे में चेतावनी देते हुए कहा कि ऑपरेशन सिंदूर अभी खत्म नहीं हुआ है. भारत ने आतंक के खिलाफ अपनी लड़ाई में तीन सूत्र तय किए हैं.

बकौल प्रधानमंत्री- भारत ने आतंक के खिलाफ अपनी लड़ाई में तीन सूत्र स्पष्ट रूप से तय किए हैं, पहला- भारत हर आतंकी हमले का करारा जवाब देगा, उसका समय, तरीका और शर्तें हमारी सेनाएं खुद तय करेंगी. दूसरा – भारत अब एटम बम की गीदड़भभकी से नहीं डरेगा और न ही उसके आधार पर कोई फैसला लेगा. तीसरा – आतंक के आका और आतंक की सरपरस्त सरकार को भारत एक ही नजर से देखेगा.”

इससे पहले प्रधानमंत्री ने कहा कि कानपुर में ये विकास का कार्यक्रम 24 अप्रैल को होने वाला था लेकिन पहलगाम हमले के कारण मुझे अपना कानपुर दौरा रद्द करना पड़ा. पहलगाम के आतंकी हमले में हमारे कानपुर के बेटे शुभम द्विवेदी भी इस बर्बरता का शिकार हुए. बेटी ऐशान्या द्विवेदी की वो पीड़ा, वो दर्द और भीतर का आक्रोश हम सब महसूस कर सकते हैं. हमारी बहनों का वही आक्रोश ऑपरेशन सिंदूर के रूप में पूरी दुनिया ने देखा.”

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