मिडिल क्लास के लिए सस्ते का जमाना फिर लौट आया है. इसकी वजह सरकार का ‘भारत ब्रांड’ के सस्ते आटा और चावल का फिर से बाजार में लौट आना है. आम लोगों को सस्ते और किफायती दाम पर जरूरी राशन मिल सके इसलिए सरकार ने ‘भारत’ब्रांड के तहत सामाना बेचना शुरू किया था. मंगलवार को इस योजना का दूसरा फेज लॉन्च कर दिया.
सरकार रियायती दर पर ‘भारत’ ब्रांड के तहत जो आटा और चावल सेल करती है. उसे सरकार की को-ऑपरेटिव सोसायटी की मदद से ग्राहकों तक पहुंचाया जाता है. इसमें भारतीय राष्ट्रीय सहकारी उपभोक्ता संघ (NCCF), भारतीय राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन संघ (Nafed) और केन्द्रीय भंडार शामिल हैं. वहीं इसकी कुछ सेल सरकार ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर भी करती है.
अब इतनी है ‘भारत’ के सामान की कीमत
दूसरे फेज में सरकार ने ‘भारत’ ब्रांड के तहत गेहूं के आटा को 30 रुपए प्रति किलोग्राम और चावल को 34 रुपए प्रति किलोग्राम के रेट्स पर लॉन्च किया है. ये दो तोल 5 किलो और 10 किलो के पैकेट में उपलब्ध होंगे. हालांकि सरकार ने इस बार सामान की जो कीमत रखी है, वह इस योजना के पहले चरण के मुकाबले थोड़ी अधिक है. तब आटे की कीमत 27.5 रुपए तथा चावल का दाम 29 रुपए प्रति किलोग्राम था.
खाद्य मंत्री प्रल्हाद जोशी ने इन सामानों की डिलीवरी करने वाली इन सहकारी समितियों की मोबाइल वैन को हरी झंडी दिखाकर मंगलवार को रवाना किया. उन्होंने कहा कि देश में आम नागरिकों को राहत प्रदान करने के लिए ये सरकार की ओर से किया जा रहा एक अस्थायी हस्तक्षेप है.”
सरकार ने खरीदा है इतना अनाज
सरकार ने देश में महंगाई को नियंत्रित रखने के लिए मूल्य स्थिरीकरण कोष के अंतर्गत भारत ब्रांड के लिए दूसरा चरण शुरू किया है. इसके तहत आटे के लिए भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) से 3.69 लाख टन गेहूं और 2.91 लाख टन चावल आवंटित किया है.
प्रल्हाद जोशी ने कहा कि भारत ब्रांड के तहत सामान तब तक मिलता रहेगा, जब तक आवंटित किया गया भंडार समाप्त नहीं हो जाता. अगर और अधिक राशन की जरूरत पड़ी तो सरकार के पास पर्याप्त भंडार है. सरकार दोबारा राशन आवंटित कर देगी.
पहले चरण में चावल की कम बिक्री पर मंत्री ने कहा कि सरकार का मकसद कारोबार करना नहीं है. बल्कि सरकार का उद्देश्य ग्राहकों को राहत देना और बाजार में कीमतों को नियंत्रित करना है. अगर बाजार में मांग देखी गई तो सरकार छोटे आकार के पैकट लाने पर विचार करेगी.