परिजनों को शव ले जाने नहीं मिला शव वाहन… ट्रॉली पर लेकर गए शव, प्रभारी मंत्री के जिले में ये हालात, मानवता फिर शर्मशार 

Madhya Pradesh: श्योपुर जिले के विजयपुर की बदहाली की तस्वीर एक बार फिर सामने आई है. श्योपुर जिले के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में उपचार के दौरान 60 वर्षीय भग्गोे बाई रजक की मौत हो गई. परिजनों को उसका शव ले जाने के लिए कोई वाहन नहीं मिला. मजबूरन उन्हें ट्रैक्टर ट्रॉली पर शव रखकर ले जाना पड़ा.

विजयपुर के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भग्गोे बाई रजक सहित उनके परिजनों को भर्ती कराया था. यहां इलाज के दौरान भग्गो बाई रजक की मौत हो गई. परिजनों ने स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों से शव घर ले जाने के लिए शव वाहन उपलब्ध कराने को कहा तो कर्मचारियों ने उसे अपनी व्यवस्था से ले जाने को कहा, मजबूरन परिजनों को ट्रैक्टर ट्रॉली पर शव रखकर ले जाना पड़ा. प्रभारी मंत्री राकेश शुक्ला के प्रभार वाले श्योपुर जिले में स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही ओर अमानवीयता की कई तस्वीरें पहले भी सामने आ चुकी हैं.

आखिर क्या हुआ था

विजयपुर के इकलौद रोड़ पर शुक्रवार को दो बाईकों में आमने सामने भिड़ंत हो गई. जिसमें वर्षा पत्नी नीलू(25),हिमांशु पुत्र अनिल(5),प्रांशु पुत्र अनिल(11) रश्मि पत्नी अनिल (27) कान्हा पुत्र नीलू (2)निवासी बैरई जिला मुरैना और भग्गो पत्नी भल्ले (60) साल समेत अन्य परिजन घायल हो गए।जिसमें गंभीर घायल महिला भग्गो बाई रजक की उपचार के दौरान मौत हो गई. घायलों का उपचार विजयपुर और ग्वालियर में जारी बना हुआ है.

खोखले साबित हो रहे दावे

परिजनों ने बताया कि जिला प्रशासन द्वारा 24 घंटे सातों दिन शव वाहन सेवा उपलब्ध होने का दावा कर रहा है, लेकिन उन्हें इस सुविधा का लाभ नहीं दिया गया. अंतत: परिजन शव को ट्रैक्टर-ट्रॉली में ही अपने घर तक ले जाने को मजबूर हुए.

विजयपुर तहसील में शव वाहन की मांग को लेकर बीजेपी सोशल मीडिया प्रभारी ने कलेक्टर को ज्ञापन दिया कोई कार्रवाई नहीं 

बीजेपी सोशल मीडिया प्रभारी सौरभ जादौन निवासी विजयपुर ने कलेक्टर अर्पित वर्मा समेत कई उन अधिकारियों को ज्ञापन दिए और बताया कि विजयपुर तहसील में शव वाहन की तत्काल उपलब्धता करवाई जाए.पंरतु आज तक विजयपुर तहसील मुख्यालय के लिए शव वाहन की व्यवस्था नहीं की गई। उन्होंने कलेक्टर को बताया की विजयपुर में शव वहां की अत्यधिक आवश्यकता है वर्तमान में जब किसी व्यक्ति का निधन या मौत हो हो जाती है तो अस्पताल से घर अथवा अंतिम संस्कार स्थल तक शव को ले जाने के लिए उचित साधन उपलब्ध नहीं होता इससे न केवल मृतक के परिजनों को सुविधा होती है बल्कि मानवीय गरिमा भी प्रभावित होती है विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में यह समस्या और भी गंभीर है जहां जी साधनों की कमी है और शव वाहन की अनउपलब्धता के कारण परिजनों को मानसिक और आर्थिक दोनों ही स्तरों पर कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है.

प्रभारी मंत्री,सांसद ने भी विजयपुर के हाल मौके पर जाकर नहीं देखें 

प्रभारी मंत्री राकेश शुक्ला और मुरैना श्योपुर सांसद शिवमंगल सिंह तोमर लगातार अपनी पार्टी की उपलब्धियां बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ते. परंतु जिले में हालात बद से बत्तर नजर आ रहे हैं. प्रभारी मंत्री के जिले में शव वहां का नहीं होना यह सबसे गंभीर विषय है प्रभारी मंत्री राकेश शुक्ला के द्वारा कोई पहल की गई ना ही संसद द्वारा इस मामले में प्रशासन को बताया गया लोग आज भी परेशान है.

हालांकि इस मामले की जानकारी कलेक्टर अर्पित वर्मा को कॉल कर लेनी चाही परंतु उनका कॉल नहीं लगा.

 

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