कांकेर : छत्तीसगढ़ के धुर नक्सल इलाकों में स्वास्थ्य सेवाओं की हालत क्या है,इसका जीता जागता उदाहरण कोयलीबेड़ा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में देखने को मिला. जहां शराब के शौकीन डॉक्टर की लापरवाही ने मासूम की जान ले ली. मासूम के परिजन का आरोप है कि जिस वक्त वो अपने बेटे के इलाज के लिए अस्पताल पहुंचे तो वहां कोई भी डॉक्टर नहीं था.मालूम करने पर पता चला कि ड्यूटी पर मौजूद डॉक्टर कहीं गए हैं.लेकिन जब डॉक्टर को खोजा गया तो वो नशे में धुत सड़क पर लोट रहा था.
किस डॉक्टर पर लगे आरोप : कांकेर जिले के धुर नक्सल प्रभावित क्षेत्र के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कोयलीबेड़ा में 6 एमबीबीएस डॉक्टरों के पद स्वीकृत हैं. यहां कार्यरत 4 में से एक डॉक्टर को अंतागढ़ अटैच किया गया है.जबकि दो डॉक्टर पीजी करने गए हैं. एकमात्र डॉक्टर शीतल दुग्गा के कंधों पर स्वास्थ्य केंद्र की जिम्मेदारी है.लेकिन इसे बदकिस्मती कहेंगे कि ये डॉक्टर शीतल दु्ग्गा अंगूर की बेटी के दीवाने हैं. इसलिए ये ड्यूटी के दौरान भी अंगूर की बेटी का स्वाद लेकर सड़क पर लोटते रहते हैं. इन्हें अपने हॉस्पिटल के केबिन से ज्यादा सड़क प्यारा है.फिर चाहे वो कीचड़ से सना हो या गोबर से.ये पीकर लोटेंगे ही. इनके इसी शौक ने आज एक मासूम की जान ले ली है.
क्या है मामला ?: ये पूरी घटना सोमवार शाम की बताई जा रही है. टीकेश पटेल अपने बेटे मयंक को लेकर अस्पताल पहुंचे थे. मयंक के पेट में तेज दर्द था. मौके पर कोई भी डॉक्टर मौजूद ना होने के कारण बच्चे को बिना इलाज के ही रेफर कर दिया गया. लेकिन रास्ते में ही बच्चे की मौत हो गई.इस दौरान जब डॉक्टर शीतल दुग्गा को ढूंढा गया तो वो कोयलीबेड़ा के सड़क पर नशे में लोटते हुए नजर आए.जिसका वीडियो परिजनों ने बना लिया.जब इस बात की जानकारी डॉक्टर शीतल को हुई तो आग बबूला हो गए.इसके बाद शीतल दुग्गा ने गाली गलौज पर उतर आए.
सीएमएचओ ने लिया एक्शन : पूरा मामला सामने आने के बाद सीएमएचओ अविनाश खरे ने डॉक्टर शीतल दुग्गा को तत्काल प्रभाव से हटा दिया है. डॉक्टर संविदा पद पर था. जिसकी सेवा समाप्त करने शासन को पत्र लिखने की बात भी सीएमएचओ ने कही है. इस तरह की घटना की पुनरावृति न हो इसके लिए उन्होंने अस्पताल में सीसीटीवी कैमरा लगवाने के निर्देश दिए हैं, साथ ही कोयलीबेड़ा स्वास्थ्य केंद्र में दूसरे डॉक्टर को भी पदस्थ करने का आदेश जारी कर दिया गया है.