ईसाई बने परिवार को मुक्तिधाम में नहीं मिली जगह: गांव के विरोध के बाद हिंदू धर्म में लौटे….

छत्तीसगढ़ के बालोद जिले के हीरापुर गांव में ईसाई धर्म में मतांतरित एक साहू परिवार की युवती की मृत्यु के बाद अंतिम संस्कार को लेकर विवाद खड़ा हो गया। गुरुवार सुबह 11 बजे गांव के लोगों ने मुक्तिधाम में शव को स्थान देने से इनकार कर दिया और कोई भी व्यक्ति कांधा देने नहीं पहुंचा।

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ग्रामीणों और विश्व हिंदू परिषद के विरोध के चलते साहू परिवार को सार्वजनिक रूप से गलती मानते हुए हिंदू धर्म में वापस लौटना पड़ा।

गंगाजल पीकर हिंदू धर्म में लौटा परिवार

परिवार के पांच सदस्य मोनस बाई साहू, दानेश्वरी, देविका, कविता और दुर्गेश्वरी साहू ने गंगाजल पीकर, बाइबल विसर्जित कर, गांव के मंदिर में पूजा अर्चना की और सनातन धर्म के रीति-रिवाजों का पालन करने की घोषणा की। इसके बाद ही गांव वालों ने शव के अंतिम संस्कार की अनुमति दी।

बहला-फुसलाकर धर्म परिवर्तन का आरोप

इस घटना ने जिले में चल रहे धर्मांतरण के मुद्दे को फिर उजागर कर दिया है। विहिप जिलाध्यक्ष बलराम गुप्ता ने आरोप लगाया कि मिशनरियां भोले-भाले हिंदू परिवारों को बहला-फुसलाकर ईसाई बना रही हैं। उन्होंने कहा कि विहिप आगे भी घर वापसी अभियान जारी रखेगा।

यह मामला गुरुर ब्लॉक के सनौद गांव के उस पुराने विवाद से मिलता-जुलता है, जहां धर्मांतरण के बाद मृतक के अंतिम संस्कार को लेकर विवाद हुआ था और शव को दूसरे जिले में भेजना पड़ा था.

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