तीन साल पहले एक सीमेंट कारोबारी की सड़क दुर्घटना में हुई मौत के मामले में जिला कोर्ट ने इंश्योरेंस कंपनी को आदेश दिया है कि वह परिवार को 97 लाख रुपए दे। यह राशि ब्याज सहित कुल 1.11 करोड़ रुपए बनती है, जिसे एक माह के भीतर अदा करना होगा।
इस केस में कारोबारी द्वारा बीते चार सालों में नियमित रूप से भरा गया इनकम टैक्स रिटर्न, मुआवजे के लिए एक मजबूत आधार बना।
सीमेंट कारोबारी का नाम पंकज चावला (36), निवासी हिम्मतनगर था। दुर्घटना 1 अगस्त 2022 को इंदौर-उज्जैन रोड पर नरवर के पास हुई थी। चावला अपने दोस्त धर्मेंद्र और कन्हैया के साथ स्कूटी से उज्जैन जा रहे थे, तभी एक तेज रफ्तार ट्रक ने उन्हें जोरदार टक्कर मार दी। इस हादसे में वे गंभीर रूप से घायल हो गए थे। उन्हें इंदौर के एक निजी अस्पताल में भर्ती किया गया, जहां 22 अगस्त 2022 को उनकी मृत्यु हो गई।
उनके परिवार में पत्नी, चार बच्चे और बुजुर्ग माता-पिता शामिल हैं, जो पूरी तरह से उन पर आश्रित थे। हादसे के बाद, परिवार ने 15 अक्टूबर 2022 को जिला न्यायालय में पांच करोड़ रुपए की क्लेम राशि के लिए याचिका दायर की। इसमें ट्रक चालक, ट्रक मालिक और ‘दि न्यू इंडिया इंश्योरेंस कंपनी’ से मुआवजा दिलाने की मांग की गई थी। यह केस करीब तीन साल तक चला।
आयकर रिटर्न भरना बना मजबूत आधार
एडवोकेट राजेश खंडेलवाल ने इस केस में परिवार की ओर से पैरवी की। कोर्ट ने इंश्योरेंस कंपनी को जिम्मेदार मानते हुए अलग-अलग मदों में कुल 97.36 लाख रुपए का मुआवजा देने का आदेश दिया। यह राशि ब्याज सहित कुल 1.11 करोड़ रुपए बनती है, जिसे एक महीने के भीतर अदा करना होगा।
केस के दौरान पंकज चावला की आय का सबसे मजबूत प्रमाण उनके द्वारा पिछले चार सालों में भरा गया आयकर रिटर्न रहा। कारोबारी की उम्र 36 साल थी, जिसे देखते हुए उनकी भविष्य की संभावित आय और छह आश्रितों की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए मुआवजा तय किया गया।
इसलिए जरूरी है इनकम टैक्स रिटर्न भरना एडवोकेट खंडेलवाल के मुताबिक, ऐसे व्यक्ति जो आत्मनिर्भर हैं और आयकर के दायरे में आते हैं, खासकर छोटे कारोबारी, उन्हें नियमित रूप से इनकम टैक्स रिटर्न भरना बेहद जरूरी है। यह दस्तावेज आय का सबसे ठोस प्रमाण होता है।
इसकी अनुपस्थिति में व्यक्ति की आय को सामान्य मजदूर वर्ग की श्रेणी में रख दिया जाता है। किसी भी अनहोनी की स्थिति में मुआवजे के निर्धारण में इनकम टैक्स रिटर्न एक निर्णायक भूमिका निभाता है। इसलिए इसमें किसी भी प्रकार की लापरवाही नहीं बरतनी चाहिए।