Left Banner
Right Banner

Delhi: घरेलू सहायिका बन पहचान छिपाकर रह रही थी महिला नक्सली, आधुनिक हथियार चलाने में है एक्सपर्ट

दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने एक बड़े ऑपरेशन में झारखंड की वांछित महिला नक्सली को गिरफ्तार किया है. यह महिला पश्चिम सिंहभूम जिले के कुदाबुरु गांव की रहने वाली है और तीन मुठभेड़ों में शामिल रह चुकी है. वह दिल्ली के पीतमपुरा इलाके में पहचान छिपाकर रह रही थी और वहां महाराणा प्रताप एन्क्लेव में नौकरी कर रही थी.

गिरफ्तार महिला का जन्म 1 जनवरी 2002 को झारखंड में एक किसान परिवार में हुआ था. महज 10 साल की उम्र में उसे माओवादी संगठन के एक सदस्य ने बहला-फुसलाकर अपने साथ ले गया. साल 2016 में उसने कुख्यात नक्सली नेता रमेश के नेतृत्व वाले सीपीआई (माओवादी) संगठन में शामिल होकर कोल्हान जंगलों के कैंप में उग्रवादी प्रशिक्षण लिया. यहां 40-50 महिलाओं सहित 300-450 नक्सली मौजूद थे.

तीन मुठभेड़ों में शामिल

पुलिस पूछताछ में महिला ने स्वीकार किया कि उसने पांच साल तक कठिन नक्सली प्रशिक्षण लिया और अत्याधुनिक हथियार चलाने में निपुण हो गई, वह तीन मुठभेड़ों में शामिल रही.

2018 – कोल्हान जंगल में झारखंड पुलिस के साथ मुठभेड़
2019 – पोराहाट जंगल में पुलिस से टकराव
2020 – सोनुआ में पुलिस बल से सीधी भिड़ंत

इसके बाद संगठन के आदेश पर वह पहचान बदलकर दिल्ली आ गई. उसने 2020 से नोएडा और दिल्ली में घरेलू सहायिका के रूप में काम किया और गुप्त रूप से रहने लगी.

गिरफ्तारी और कानूनी कार्रवाई

झारखंड के एक मामले में 26 मार्च 2023 को SDJM (P), चाईबासा, झारखंड ने उसके खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किया था. 4 मार्च 2025 को क्राइम ब्रांच को सूचना मिली कि वह दिल्ली में रह रही है. इसके बाद पुलिस ने सीआरपीसी की धारा 41.1 और भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 की धारा 35(1)(C) के तहत उसे गिरफ्तार कर लिया.

यह गिरफ्तारी दिल्ली पुलिस की बड़ी सफलता मानी जा रही है, जिससे यह साफ होता है कि माओवादी संगठनों के सदस्य अब महानगरों में गुप्त रूप से बसकर अपनी गतिविधियां चला रहे हैं. फिलहाल, पुलिस महिला नक्सली से पूछताछ कर रही है ताकि उसके संपर्कों और संगठन की आगे की योजनाओं का खुलासा हो सके.

Advertisements
Advertisement