वाराणसी: गोपाष्टमी के पर्व पर भगवान कृष्ण और गायों की पूजा होती है. मान्यता है कि गोपाष्टमी पर गाय की पूजा उपासना करने से 33 कोटि देवी देवताओं का आशीर्वाद मिलता है और घर में सुख-शांति और समृद्धि आती है. पौराणिक कथाओं के अनुसार, इस दिन से भगवान कृष्ण ने गाय को चराना शुरू कर दिया था, इससे पहले वे केवल गाय के बछड़ों को ही चराया करते थे, इसी उपलक्ष्य में मथुरा वृंदावन समेत कई जगह इस पर्व को मनाया जाता है.
वाराणसी के धर्म संघ में आज गोपाष्टमी के अवसर पर गायों की विधिवत पूजा अर्चना की गई उनकी आरती उतारी गई उन्हें भोग लगाया गया, इसके साथ ही अपने समर्थ के अनुसार लोगों ने गायों को फल, साग और गुड़ खिलाया आज गायों को जहां सबसे पहले तिलक लगाया गया वस्त्र पहनाए गए और माला पहनाकर वैदिक मंत्रोउचार के साथ आरती की गई. उसके बाद उन्हें खाने को दिया गया आज के दिन गायों को पूजने के साथ ही अगर आप उन्हें कुछ खिलाते हैं तो भगवान विष्णु की कृपा आप पर बरसती है, धार्मिक मान्यता को लेकर बड़ी संख्या में लोग आज धर्म संघ स्थित गौशाला में पहुंचे और वहां गायों की पूजा अर्चना के साथ ही उन्होंने गायों को खाने के लिए फल सब्जी गुड और साग दिए.
इस अवसर पर गौशाला की देखरेख करने वाले अंकित शर्मा ने बताया कि भगवान कृष्ण पहले छोटी गाय चराते थे आज के दिन से ही भगवान कृष्ण बड़ी गाय चराना शुरु कर दिए थे, वहां आए श्रद्धालुओं ने बताया कि गाय की पूंछ में हनुमान जी का वास होता है. और गाय माता में 33 करोड़ देवता विराजमान होते हैं.