गुजरात के अहमदाबाद में दो दिवसीय कांग्रेस अधिवेशन का आज दूसरा दिन है. कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने आज अधिवेशन को संबोधित किया. अपने संबोधन की शुरुआत उन्होंने महात्मा गांधी और सरदार पटेल को याद करते हुए की. उन्होंने कहा, ‘100 साल पहले महात्मा गांधी कांग्रेस के अध्यक्ष बने थे. 150 साल पहले सरदार पटेल का जन्म हुआ था. गांधीजी, सरदार पटेल ये कांग्रेस पार्टी की नींव हैं. अभी अजय लल्लू ने कहा कि मैं पिछड़ों, दलितों, आदिवासियों, गरीबों के लिए काम कर रहा हूं.’
राहुल गांधी ने कहा, ‘मैंने इंदिरा गांधी से एक बार एक सवाल पूछा था. मैंने पूछा कि दादी मरने के बाद आपके बारे में लोगों को क्या कहना चाहिए. इंदिरा गांधी ने जवाब दिया कि राहुल, मैं अपना काम करती हूं. मरने के बाद लोग मेरे बारे में क्या सोचें, क्या न सोचें मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता. मैं सिर्फ अपने काम में दिलचस्पी रखती हूं. अगर पूरी दुनिया मेरे मरने के बाद मुझे भूल भी जाए तो वो भी मुझे मंजूर है. यही मेरी भी सोच है.’
‘तेलंगाना में हमने उठाया क्रांतिकारी कदम
उन्होंने कहा, ‘तेलंगाना में हमने एक क्रांतिकारी कदम उठाया. जातीय जनगणना. उससे कुछ महीने पहले मैंने संसद में भाषण दिया था. मैंने पीएम मोदी के सामने कहा कि आप जातीय जनगणना कराइए. देश को मालूम होना चाहिए कि इस देश में दलित, पिछड़ा वर्ग, अति पिछड़ा, अति दलित, आदिवासी, अल्पसंख्यक, गरीब सामान्य वर्ग के कितने लोग हैं.’
‘जातीय जनगणना सिर्फ एक कदम’
कांग्रेस नेता ने कहा, ‘मैं सिर्फ जातीय जनगणना के पीछे नहीं हूं. जातीय जनगणना एक कदम है. मुझे यह पता लगाना था कि इस देश में किसकी कितनी भागीदारी है. उस समय मैंने कहा था कि देश का एक्स-रे होना चाहिए. पता लगाना चाहिए कि जो हमारे दलित, आदिवासी, पिछड़े वर्ग के लोग धूप में काम करते हैं, मजदूरी करते हैं क्या सममुच में ये देश उनकी इज्जत करता है, क्या सममुच में उन्हें जगह मिलती है.’
‘आपके सामने पास करेंगे कानून’
राहुल गांधी ने कहा, ‘पीएम मोदी और आरएसएस ने साफ कह दिया कि हम जातीय जनगणना नहीं कराएंगे. हम जानना नहीं चाहते, हम लोगों को बताना नहीं चाहते कि इस देश में दलितों, आदिवासियों, पिछड़ों, गरीब सामान्य वर्ग, अल्पसंख्यकों को कितनी भागीदारी मिलती है. तब मैंने सामने बोल दिया था कि आप छुपाइए जितना छुपाना है. लोकसभा में, राज्यसभा में हम आपके सामने जातीय जनगणना को लेकर कानून पास करेंगे.’
उन्होंने कहा, ‘तेलंगाना की जो हालत है, देश में हर जगह वही हालात हैं. 90% आबादी दलित, आदिवासी, अल्पसंख्यक, ओबीसी है. इनमें से कोई बड़ी कंपनी का CEO नहीं होगा. मोदीजी 24 घंटे पिछड़े, दलित वर्ग को वनवासी कहते हैं लेकिन उन्हें भागीदारी नहीं देते. तेलंगाना ने पूरे देश को रास्ता दिखाया है. 50 प्रतिशत की दीवार को हम पूरे देश में तोड़ देंगे. जो शुरुआत तेलंगाना से हुई है, वो पूरे देश के लिए दिल्ली में करेंगे. SC-ST क्रांतिकारी कानून था, जिसे भाजपा ने रद्द कर दिया.’
‘इस बार नहीं आई गले लगते हुए तस्वीर’
राहुल ने कहा, ‘पहले हिन्दुस्तान की हर जाति के युवा सेना में जाते थे, पेंशन मिलती थी, शहीद का दर्जा मिलता था. सब खत्म कर दिया. आज सरकार कहती है कि अग्निवीर को हम शहीद का दर्जा नहीं देंगे, पेंशन नहीं मिलेगी. समान्य वर्ग के गरीबों, दलितों, पिछड़े वर्ग, आदिवासी के लिए रास्ता बंद कर दिया.’
उन्होंने कहा, ‘मोदीजी ट्रंप के गले लगते थे पर इस बार वैसी तस्वीर नहीं आई. मोदी जी के मित्र राष्ट्रपति ट्रंप ने आदेश दिया कि इस बार गले नहीं लगेंगे. इस बार नए टैरिफ लगाए पर चूं तक नहीं निकली. अब आर्थिक तूफान आ रहा है. करोड़ों लोगों को नुकसान हो रहा है. 50 साल में सबसे ज्यादा बेरोजगारी है पर मोदी जी चुप हैं. बांग्लादेश के पीएम उल्टा बोलते हैं पर मोदी जी चुप रहते हैं.’
‘हम सिर्फ अंग्रेजों से नहीं, RSS की विचारधारा से भी लड़े’
कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने कहा, ‘आप हमारे बब्बर शेर हैं. ये विचारधारा की लड़ाई है. हम सब भारत जोड़ों यात्रा में चले. अब देश तंग आ चुका है. बिहार के चुनाव में देखना, भाजपा ने महाराष्ट्र में चुनाव कैसे जीता ये वहां की जनता बता देगी. आज तक चुनाव आयोग हमें वोटर लिस्ट नहीं दे पा रहा. आने वाले समय में बदलाव आएगा. लोगों का मूड दिख रहा है. हम भी हिंदू हैं, हमारा धर्म हर व्यक्ति का आदर करता है. कांग्रेस अध्यक्ष, कार्यसमिति और सीनियर नेताओं की कल बैठक हुई. हम चाहते हैं कि हमारे जिला अध्यक्षों को हम पार्टी की नींव बनाएं. जिला समितियों को पार्टी शक्ति और जिम्मेदारी दे. ये बदलाव हम कांग्रेस में लाने जा रहे हैं. हम सबको ये लड़ाई लड़नी है पर ये आसान नहीं है. उनके पास धन, संस्थान और सबकुछ है पर जीत हमारी होगी, हमारे साथ जनता है. आजादी से पहले हम सिर्फ अंग्रेजों से नहीं बल्कि उनके साथ-साथ RSS की विचारधारा से भी लड़े थे. उन्होंने संविधान जलाया, तिरंगे को सैल्यूट नहीं किया.’