जीवन जीने की दिशा प्रदान करती है श्रीराम कथाइसके अलावाधर्मरत्न देवकीनंदन ठाकुर ने कहा कि श्रीराम कथा जीवन को दिशा और उद्देश्य प्रदान करती है। यह सत्य, धर्म और कर्म के मर्म को समझाती है। हमारे जीवन को आंतरिक शांति और संतुलन से भरती है।इसके अलावा उन्होंने कहा कि जैसे घड़ी की सुई अपने निर्धारित समय पर चलती है और सभी भागों का संतुलन बनाए रखती है, ठीक उसी प्रकार परिवार के प्रत्येक सदस्य को अपने कर्तव्यों और जिम्मेदारियों को समझते हुए सामंजस्यपूर्ण तरीके से काम करना चाहिए।
महिलाओं के लिए कुछ भी असंभव नहीं
उन्होंने कहा कि संसार में महिलाओं के लिए कुछ भी असंभव नहीं है। यदि एक देवी अपने पति के प्रति सच्ची निष्ठा और कर्तव्य में दृढ़ विश्वास रखती है, तो संसार की सबसे शक्तिशाली स्त्री बन सकती है। कथा में आरएसएस के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य इंद्रेश कुमार, बालयोगी अरुण पुरी आदि मौजूद रहे।
विचार से सुखी और दुखी बनता है मनुष्य: विज्ञानदेव
महाकुंभ नगर: हमारे विचार हमें सुखी और दुखी बनाते हैं। विचार जैसा होगा उसका प्रभाव उसी रूप में हमारे जीवन पर पड़ेगा, इसलिए मन को पवित्र रखना चाहिए। ऐसा करने से विचार और मन प्रसन्नचित रहेंगे।
यह बातें स्वर्वेद कथामृत के प्रवर्तक संत प्रवर विज्ञान देव ने अरैल में योग के प्रणेता सद्गुरु सदाफल देव के 71वें परम निर्वाण दिवस के अवसर पर कही। यहां पंच दिवसीय जय स्वर्वेद कथा व 2100 कुंडीय वैदिक यज्ञानुष्ठान का आयोजन किया गया था।
ईश्वर का महान प्रसाद है मानव जीवन
उन्होंने कहा कि मानव जीवन अनमोल है, यह ईश्वर का महान प्रसाद है। हमारे भीतर अनंत की शक्ति है, अनंत आनंद का श्रोत है। आत्मा के अंदर अंतरात्मा रूप से ईश्वर ही विराजमान है। आवश्यकता है आध्यामिक ज्ञान और स्वर्वेद सद्ज्ञान की। विहंगम योग के ध्यान के आलोक में एक साधक का जीवन सर्वोन्मुखी विकास होता है।
परिस्थितियों का दास नहीं है युवा
उन्हाेंने कहा- ‘युवा’ को आप उलट दोगे तो ‘वायु’ हो जाएगा। जिसमें वायु के समान वेग है, उत्साह है, उमंग है, उल्लास है, वह ही युवा है। जो हताश नहीं है, जो निराश नहीं है, जो परिस्थितियों का दास नहीं है। जनकल्याण के निमित्त 2100 कुंडीय वैदिक यज्ञानुष्ठान का शुभारंभ किया गया। ज्ञानुरागियों ने व्यष्टिगत व समष्टिगत लाभ के लिए मंत्रोंच्चारण के बीच यज्ञ कुंड में आहुतियां डालीं।