झांसी स्थित मेडिकल कॉलेज में हुई अग्निकांड घटना में 10 नवजात शिशुओं की मौत की जांच के लिए सरकार द्वारा गठित कमेटी की रिपोर्ट तैयार हो गई है. सूत्रों के अनुसार, मेडिकल कॉलेज में हुई घटना दुर्भाग्यपूर्ण है और इसमें कोई साजिश या लापरवाही नहीं सामने आई है.
घटना के वक्त NICU वार्ड में 6 नर्स, अन्य स्टाफ व 2 लेडी डॉक्टर मौजूद थे. स्विच बोर्ड में शॉर्ट सर्किट के चलते हुए चिंगारी भड़की थी जिससे आग लग गई. स्विच बोर्ड में लगी आग से वार्ड में लगी मशीनों के ऊपर प्लास्टिक कवर तक पहुंच गई और प्लास्टिक कवर से आग टपक कर नीचे गिरने लगी जिसके बाद तेजी से वार्ड में फैल गई.
ड्यूटी पर मौजूद नर्स ने भरसक आग बुझाने की कोशिश की जिसमें उसके पैर और कपड़े तक जल गए थे. झांसी मेडिकल कॉलेज में हुई घटना में कोई अपराधिक षड्यंत्र या साजिश नहीं है जिसकी वजह से अब तक कोई एफआईआर दर्ज नहीं हुई है.
डीजीएमई की अध्यक्षता में गठित जांच कमेटी की विस्तृत रिपोर्ट में पता चलेगा शॉर्ट सर्किट कैसे हुआ? क्या वार्ड में लगी मशीनों पर ओवरलोड था,जिसकी वजह से शॉर्ट सर्किट हुआ? झांसी कमिश्नर और डीआईजी की कमेटी ने घटना के समय मौजूद अस्पताल के कर्मचारियों से बातचीत कर रिपोर्ट तैयार की है. इसमें कहा गया है कि आग शॉर्ट सर्किट से लगी है.
जांच कमेटी को डॉक्टरों ने बताया कि nicu वार्ड में नवजात शिशुओं के चलते वॉटर स्प्रिंकलर नहीं लगाए जाते हैं. सूत्रों के अनुसार स्विच बोर्ड में स्पार्क होने से आग लगी थी. एक नर्स ने इसे अपने से ठीक करने की कोशिश की. इस प्रयास में वो ज़ख़्मी भी हो गई. इस दौरान आग ऑक्सीजन कॉन्संट्रेटर की तरफ़ फैलने लगी थी वो नर्स चिल्लाते हुए बाहर आई.
8 मिनट के भीतर पहुंच गए थे फायर टेंडर
एक पैरा मेडिकल स्टाफ़ फायर एक्स्टिनगुइशर लेकर अंदर गया. उसके पीछे दो और कर्मचारी तीन और फायर एक्स्टिनगुइशर लेकर अंदर गए. चारों का इस्तेमाल किया गयापर तब तक आग बहुत फैल चुकी थी. सूचना के 8 मिनट के भीतर फायर टेंडर भी पहुंच गए थे. सरकार ने झांसी कमिश्नर विपुल दुबे और झांसी डीआईजी रेंज कलानिधि नेथानी से घटना पर 24 घंटे के भीतर रिपोर्ट मांगी थी.
आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश के झांसी जिले में शुक्रवार रात महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज में आग लगने से 10 शिशुओं की मौत हो गई थी. अधिकारियों ने बताया कि इस हादसे में घायल हुए 16 अन्य बच्चे जीवन के लिए संघर्ष कर रहे हैं.