जबलपुर। भोपाल के गैंगस्टर यासीन मछली परिवार की संपत्तियां ध्वस्त करने के मामले पर हाई कोर्ट में शुक्रवार को सुनवाई हुई। बैंक खाते को अनफ्रीज की भी याचिका में मांग की गई। न्यायमूर्ति विशाल मिश्रा की एकलपीठ के निर्देश पर भोपाल कलेक्टर, एसडीएम, डीसीपी क्राइम सहित तीन निजी बैंकों के अधिकारी कोर्ट में पेश हुए। राज्य शासन की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता हरप्रीत सिंह रूपराह ने कोर्ट को बताया कि कार्रवाई विधि अनुसार ही की गई है। कोर्ट ने बैंक खाते फ्रीज करने की अर्जी पर अपना फैसला सुरक्षित कर लिया। वहीं,राज्य सरकार से 13 अक्टूबर तक विस्तृत जबाव प्रस्तुत करने को कहा।
राजधानी भोपाल निवासी साजिदा बी सहित सात लोगों की ओर से हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई। दलील दी गई कि उनके नाम एफआईआर नहीं है।
ना ही उनके विरुद्ध किसी अपराध की जांच चल रही है। इसके बावजूद भी यासीन उर्फ मछली के विरुद्ध एफआईआर दर्ज होते ही 21 अगस्त 2025 को उनकी संपत्तियां ध्वस्त कर दी गई।
बैंक खाते फ्रीज व ईमेल भी ब्लाॅक कर दिए गए।
तर्क दिया गया कि जब प्रशासन ने संपत्ति ध्वस्त करने को लेकर कार्रवाई करने के पूर्व नोटिस नहीं दिया। उचित वैधानिक प्रक्रिया भी नहीं अपनाई गई।
तर्क दिया कि अन्य लोग भी सरकारी जमीन पर रह रहे हैं, लेकिन केवल उनके विरुद्ध ही कारवाई की गई।
शुक्रवार को कोर्ट के निर्देश पर हाई कोर्ट में पेश होकर भोपाल कलेक्टर व डीसीपी ने बताया कि यासीन मछली के गुनाहों की सूची लंबी है।
कारवाई वैधानिक तरीके से की गई है। हाई कोर्ट ने इस पर विस्तृत जवाब प्रस्तुत करने के निर्देश दिए।