देश भर में शक्ति की भक्ति का पर्व शारदीय नवरात्रि की शुरुआत आज से हो रही है। बिलासपुर शहर सहित जिले के देवी मंदिरों और पंडालों में सुबह 6 बजे से ही भक्त दर्शन के लिए पहुंचे। कई मंदिरों में शुभ मुहूर्त में घटस्थापना के साथ ही देवी मंदिरों में मनोकामना ज्योति कलश प्रज्जवलित किए गए।
प्रसिद्ध शक्तिपीठ मां महामाया देवी का सोमवार को शृंगार होने के बाद नवमीं तक उनके वस्त्र नहीं बदले जाएंगे। नवमी के दिन देवी मां का राजश्री श्रृंगार होगा। वहीं, मंदिर का पट भी भक्तों के लिए रात 12 बजे तक खुला रहेगा। सप्तमी के दिन 24 घंटे तक पट खुला रहेगा।
9 नहीं 10 दिन होंगे अनुष्ठान
नवरात्रि में इस बार 9 दिन के बजाय 10 दिन तक मंदिरों में धार्मिक अनुष्ठान होंगे। शारदीय नवरात्रि की शुरुआत आज से हो गई है, जो 2 अक्टूबर तक मनाए जाएंगे। इस बार मां दुर्गा हाथी पर सवार होकर आएंगी। हाथी पर आगमन समृद्धि और खुशहाली का प्रतीक होता है।
सोमवार को धार्मिक अनुष्ठान और मंत्रोचार के साथ देवी कलश के साथ ही शुभ मुहूर्त में घटस्थापना कर ज्योति प्रज्जवलित किए गए। नवरात्र के पहले दिन शहर के देवी मंदिरों में भक्तों की भीड़ रही।
वहीं, रतनपुर स्थित प्रसिद्ध शक्तिपीठ महामाया देवी मंदिर और मल्हार के प्राचीन डिड़िनेश्वरी देवी मंदिर में भी भक्तों की कतार लगी। यह सिलसिला पूरे नौ दिन तक चलेगा। इस दौरान शहर में देवी मां की भक्ति की धूम रहेगी।
मां के 9 दिन नहीं बदले जाते हैं वस्त्र, गर्भ गृह भी नहीं होता बंद
रतनपुर स्थित सिद्ध पीठ मां महामाया मंदिर में पर्व को लेकर उत्साह है। मां महामाया मंदिर में इस बार 31 हजार ज्योति तेल और घी की प्रज्जवलित की जा रही है। इसमें 5 हजार घृत और 24 हजार 800 तेल की मनोकामना ज्योति प्रज्जवलित किए गए हैं।
इसमें 1800 आजीवन ज्योति कलश भी शामिल है। ज्योति कलश के लिए तांबा सबसे ज्यादा शुद्ध माना हाता है। इसलिए समिति ने तांबे के कलश में ज्योति प्रज्जवलित की जाती हैं। मां महामाया का श्रृंगार प्रतिपदा पर पहले दिन ही होगा।
इसके बाद भक्तों के दर्शन के लिए मंदिर खुल जाएगा। हर दिन माता को केवल माला का श्रृंगार किया जाएगा। ये माला भी नवमी को ही उतारें जाएंगे। नवमी को ही माता का राजश्री श्रृंगार होगा।
बनारसी साड़ी के साथ माता सोने को आभूषण धारण करेंगी। सप्तमी पर पूरी रात भक्तों के लिए माता का दरबार खुला रहेगा। बाकी दिनों में मंदिर का पट रात 12 से 4 बजे तक बंद रहेगा।