सुल्तानपुर के धनपतगंज ब्लॉक प्रमुख उपचुनाव में बाहुबली ब्रदर्स सोनू सिंह-मोनू सिंह को बड़ा झटका लगा है. BJP प्रत्याशी पार्वती सरोज ने इस चुनाव में जीत हासिल की है. सपा प्रत्याशी और सोनू-मोनू की माता ऊषा सिंह को शिकस्त मिली है. उन्हें 81 में 39 वोट हासिल हुए जबकि बीजेपी प्रत्याशी पार्वती सरोज को 42 वोट मिले. धनपतगंज ब्लॉक पर 1984 से बाहुबली ब्रदर्स के परिवार या उनके कारीबियों का दबदबा था. लेकिन अब इस सीट पर बीजेपी ने कब्जा जमा लिया है.
बता दें, सुल्तानपुर जिले के चर्चित धनपतगंज ब्लॉक के प्रमुख पद पर होने वाला उपचुनाव बीते दिन (22 अगस्त) संपन्न हो गया. आजादी के बाद से ही जिस ब्लॉक प्रमुख पद की कुर्सी पर सोनू-मोनू फैमिली या उनके कारीबियों का दबदबा रहा, वहीं पर उन्हें हार का सामना करना पड़ा है.
आजादी के बाद से 1984 तक यहां से सपा नेता व पूर्व विधायक इसौली चंद्रभद्र सिंह (सोनू) और पूर्व ब्लॉक प्रमुख यशभद्र सिंह (मोनू) के बाबा शारदा सिंह ब्लॉक प्रमुख रहे. यहीं से ‘भद्र परिवार’ की सियासत का सफर शुरू हुआ था. जो सीट अब तक भद्र परिवार के कब्जे में रही थी, अब उस सीट को बीजेपी की पार्वती सरोज ने छीन लिया है. 81 में से 42 क्षेत्र पंचायत सदस्यों ने पार्वती सरोज के पक्ष में मतदान किया जबकि सपा प्रत्याशी ऊषा सिंह को महज 39 मतों से संतोष करना पड़ा. पार्वती सरोज ने अपनी जीत का श्रेय शहर सीट से बीजेपी विधायक व पूर्व मंत्री विनोद सिंह को दिया है.
दरअसल, पूर्व ब्लॉक प्रमुख यशभद्र सिंह उर्फ मोनू को सुल्तानपुर की एमपी एमएलए कोर्ट ने एक मामले में दो वर्ष की सजा सुनाई थी. जिसके बाद उन्हें ये सीट छोड़नी पड़ी थी. ऐसे में धनपतगंज ब्लॉक के प्रमुख पद का चुनाव हुआ. जिसमें समाजवादी पार्टी ने उनकी मां ऊषा सिंह को अपना उम्मीदवार घोषित किया, वहीं बीजेपी ने पार्वती सरोज पर भरोसा जताया.
बहरहाल, पार्वती सरोज ने बीजेपी का भरोसा कायम रखा और धनपतगंज की प्रमुख सीट पर जीत दर्ज कर बड़ी उपलब्धि हासिल कर भद्र परिवार के सियासी किले को ढहा दिया. इसको लेकर शहर सीट से बीजेपी विधायक विनोद सिंह ने कहा कि सोनू-मोनू अपराध के दम पर राजनीतिक वर्चस्व कायम किये हुए थे. एक दलित महिला ने उनको हरा दिया और उनके वर्चस्व को खत्म करने का काम किया.