केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह 8 अगस्त को बिहार के सीतामढ़ी जिले स्थित पुनौरा धाम में भव्य सीता मंदिर की आधारशिला रखेंगे। यह दौरा दो दिनों का होगा और माना जा रहा है कि यह आगामी बिहार विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा का एक बड़ा धार्मिक और सांस्कृतिक दांव है। इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद रहेंगे।
सीता मंदिर का निर्माण अयोध्या के राम मंदिर की तर्ज पर किया जाएगा और इसकी अनुमानित लागत ₹883 करोड़ है। इस महीने की शुरुआत में ही नीतीश सरकार ने इस प्रोजेक्ट को हरी झंडी दे दी थी। सरकार का उद्देश्य न केवल धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देना है, बल्कि स्थानीय स्तर पर रोज़गार के नए अवसर भी तैयार करना है।
अमित शाह 7 अगस्त को पटना में भाजपा पदाधिकारियों के साथ बैठक करेंगे और फिर 8 अगस्त को सीतामढ़ी में मंदिर की आधारशिला रखेंगे। यह परियोजना न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से अहम है, बल्कि राजनीतिक दृष्टि से भी इसकी टाइमिंग महत्वपूर्ण मानी जा रही है।
मंदिर परियोजना के तहत ₹137 करोड़ मौजूदा मंदिर के जीर्णोद्धार पर और ₹728 करोड़ बुनियादी ढांचे जैसे परिक्रमा पथ, पार्किंग, सड़क निर्माण पर खर्च किए जाएंगे। इसके अलावा मंदिर के अगले दस वर्षों तक रखरखाव के लिए भी अलग राशि तय की गई है।
सीतामढ़ी से लगभग 5 किलोमीटर दूर स्थित पुनौरा धाम को माता सीता की जन्मस्थली माना जाता है। हर साल लाखों श्रद्धालु यहां दर्शन के लिए आते हैं। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 22 जून को जानकी मंदिर के अंतिम डिज़ाइन का अनावरण किया था, जिसे पारंपरिक भारतीय मंदिर शैली में तैयार किया जाएगा।
हालांकि आम धारणा है कि जनकपुर (नेपाल) सीता माता का मायका था, लेकिन स्थानीय मान्यताओं और किंवदंतियों के अनुसार, उनका जन्म स्थल बिहार के पुनौरा गांव में ही है। कहा जाता है कि राजा जनक को यहीं हल चलाते समय सीता मिली थीं, जिससे यह स्थान अत्यंत पवित्र माना जाता है।
सरकार को उम्मीद है कि यह मंदिर परियोजना धार्मिक आस्था के साथ-साथ आर्थिक विकास और स्थानीय व्यापार को भी नई ऊर्जा देगी।