पटना जंक्शन से 100 करोड़ की ठगी करने वाला शातिर गिरफ्तार, 3 राज्यों में फैला था नेटवर्क

बिहार में आर्थिक अपराध इकाई (EOU) ने मंगलवार को बड़ी कामयाबी हासिल करते हुए 100 करोड़ रुपये के घोटाले के मास्टरमाइंड सैयद शाहनवाज वजी को पटना जंक्शन से गिरफ्तार कर लिया. उसके साथ दो सहयोगी रजनीकांत और शौकत अली भी पकड़े गए. गिरफ्तारी के लिए पिछले तीन वर्षों से डिजिटल निगरानी की जा रही थी.

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तीन साल की तलाश के बाद पटना जंक्शन पर गिरफ्तारी

EOU के ADG नैय्यर हसनैन खान को खुफिया इनपुट मिला कि वजी धनबाद से पटना पहुंच रहा है. ट्रेन से उतरते ही उसे घेर लिया गया. वह फर्जी पहचान पत्र और बदली हुई वेशभूषा में था, लेकिन टीम की सतर्कता से बच नहीं सका.

फर्जी पहचान और बदली वेशभूषा से भी नहीं बच सका आरोपी

सैयद शाहनवाज वजी पर तीन अहम मामले दर्ज हैं. पहला, पटना के पीरबहोर थाना क्षेत्र में अवामी कोऑपरेटिव बैंक से 16 करोड़ रुपये की हेराफेरी. दूसरा, वैशाली के क्षेत्रीय सहकारी बैंक में 84 करोड़ की धोखाधड़ी. तीसरा, आरबीआई की शिकायत पर दर्ज मनी लॉन्ड्रिंग और बैंकिंग नियमों के उल्लंघन से जुड़ा मामला.

तीन बड़े मामलों में नामजद आरोपी सैयद शाहनवाज वजी

वजी और उसके साथियों ने 2012 से 2024 तक फर्जी लोन योजनाओं और LIC निवेश योजनाओं के नाम पर हजारों निवेशकों को ठगा. वे लोगों से दस्तावेज और हस्ताक्षर लेकर बैंकों में फर्जीवाड़ा करते थे. इस घोटाले का असर बिहार, झारखंड और यूपी तक देखने को मिला.

हजारों निवेशकों और किसानों को लगाया चूना

यह गिरफ्तारी इसलिए भी अहम है क्योंकि वजी ईडी और सीबीआई की मोस्ट वांटेड सूची में शामिल था. 2022 में बिहार पुलिस ने उसके खिलाफ वारंट जारी किया था, लेकिन वह लंबे समय तक बंगाल और नेपाल की सीमा पर छिपा रहा. डिजिटल ट्रैकिंग और हवाला नेटवर्क के जरिए उसे पकड़ा गया.

ईडी और सीबीआई की मोस्ट वांटेड लिस्ट में था वजी

एक पीड़ित ने बताया कि वजी ने LIC में तीन गुना रिटर्न का झांसा देकर उससे 5 लाख रुपये लिए. बाद में पता चला कि पूरी पॉलिसी फर्जी थी. ऐसे सैकड़ों मामले अदालतों में लंबित हैं, जिनमें पीड़ित अब भी न्याय का इंतजार कर रहे हैं.

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