इंटरपोल की तरफ से पहली बार सिल्वर नोटिस जारी किया गया है. इसके पीछे की वजह आपराधिक संपत्तियों का पता लगाना बताया जा रहा है. यह पहला नोटिस इटली की तरफ से की गई रिक्वेस्ट के बाद जारी किया है. जिसमें एक माफिया की संपत्ति के बारे में जानकारी मांगी गई है.
इस नोटिस के जारी होने के बाद भारत को भी मदद मिलेगी. जिन अपराधियों ने अपनी काली कमाई दूसरे देशों में ट्रांसफर कर दी है. उनका पता लगाया जा सकेगा. लगभग 52 देशों के साथ काम करने वाली यह संस्था नवंबर 2025 तक इस प्रोजेक्ट पर काम करेगी.
सिल्वर नोटिस से क्या होता है?
सिल्वर नोटिस और डिफ्यूज़न सदस्य देशों को अपराधों से जुड़ी संपत्तियों के बारे में सार्वजनिक जानकारी देने की इजाजत देती है. इस नोटिस से संपत्ती, वाहनों, वित्तीय खातों इसके साथ उनके बिजनेस की जानकारी पता की जाती है.
इसके साथ ही उनकी असली पहचान भी पता चलती है. इसके जरिए जुटाई गई इनफार्मेशन का उपयोग राष्ट्रीय कानूनों के तहत संपत्ति की जब्ती या वसूली के लिए किया जा सकता है.
इंटरपोल का सचिवालय हर सिल्वर नोटिस की समीक्षा करेगा, ताकि यह सुनिश्चित हो कि ये नोटिस राजनीतिक उद्देश्यों के लिए इस्तेमाल तो नहीं हो रहे हैं.
कितने प्रकार के होते हैं ये नोटिस?
मौजूदा समय में इंटरपोल के पास 8 प्रकार के कलर बेस नोटिस हैं. अब सिल्वर के जुड़ने से यह संख्या नौ हो गई है. इन नोटिस का उपयोग दुनियाभर में किसी खास जानकारी को हासिल करने के लिए किया जाता है.
- येलो नोटिस का उपयोग लापता व्यक्तियों या जिनकी पहचान नहीं हो पा रही हो,उन्हें खोजने के लिए किया जाता है.
- ब्लू नोटिस की मदद से एक व्यक्ति के बारे में ज्यादा से ज्यादा जानकारी जुटाने मे होता है.
- ब्लैक नोटिस का उपयोग बिना पहचान वाले शवों के बारे में इनफार्मेशन पता करने के लिए किया जाता है.
- ग्रीन नोटिस का इस्तेमाल किसी व्यक्ति क्राइम एक्टीवेट के बारे में चेतावनी देने के लिए होता है.
- ऑरेंज नोटिस के जरिए किसी गंभीर और तत्काल खतरे के बारे में अलर्ट देने के लिए होता है.
- पर्पल नोटिस की मदद से अपराधियों की तरफ से इस्तेमाल किए जाने वाले तरीकों या उपकरणों के बारे में जानकारी प्राप्त करने के लिए होता है.
- इन सब के अलावा भी संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNCSC)के पास एक विशेष नोटिस होता है.
- सिल्वर नोटिस पहली बार जारी किया गया है. इसका उपयोग जानकारी जुटाने में किया जाता है.
एक बयान के बाद जारी हुआ सिल्वर नोटिस
इस नए प्रोजेक्ट की शुरुआत एफएटीएफ (फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स) के चीफ की चेतावनी के ठीक एक दिन बाद शुरू किया गया है. उन्होंने कहा था कि अंतरराष्ट्रीय संपत्ति जब्त करने में कोशिश अधिकतर नाकाम साबित है.
एलिसा डी आंदा मद्राज़ो ने कहा कि दुनिया के 80% देश आपराधिक संपत्तियों को प्रभावी ढंग से जब्त नहीं कर सकते हैं. जिसके कारण ऐसी स्थिति पैदा हो गई है.