उत्तर प्रदेश के बरेली जंक्शन पर उस समय अफरा तफरी मच गई जब एक मासूम बच्ची का किडनैप हो गया. बच्ची के माता-पिता ट्रेन का इंतजार कर रहे थे मौके पर घात लगाए एक दंपति ने बच्ची को वहां से किडनैप कर लिया और बेचने के इरादे से ले गए . माता-पिता को जैसी पता चला की बच्ची नहीं है तो शोर मचाया. मौके पर रेलवे पुलिस पहुंची तो सीसीटीवी खंगाले गए. यहां सच सामने आ गया. तुरंत ही टीम का गठन किया गया. इसके बाद रेलवे पुलिस ने 6 दिन की कड़ी मेहनत के बाद और कई सीसीटीवी कैमरे देखने के बाद बच्ची को बरामद कर लिया और आरोपियों को भी गिरफ्तार कर लिया.
माता-पिता के साथ दवा लेने आई थी बच्ची
हरिद्वार के रहने वाले पति पत्नी अपने बच्चों के साथ 28 तारीख को बरेली सरकारी अस्पताल में दवा लेने के लिए पहुंचे थे. इस दौरान दूर होने की वजह से पत्नी, अपने पति और बच्ची को स्टेशन पर ही छोड़कर अस्पताल चली गई. लौट कर देखा कि बच्ची नहीं है. इसके बाद वह घबरा गई और पूरी घटना की जानकारी पुलिस को दी.
6 दिन में लगा बच्ची का पता
घटना 28 अगस्त की बताई जा रही है. जानकारी मिलते ही रेलवे जंक्शन की पुलिस ने कई टीमों का गठन किया. पूरे जंक्शन के सीसीटीवी कैमरे खंगाले गए. प्लेटफार्म से लेकर के बाहर तक के सीसीटीवी कैमरा को देखा गया जिसमें एक महिला बच्ची को ले जाती हुई दिखाई दी. 6 दिन तलाश करने के बाद बच्ची को बरामद कर लिया गया और सकुशल माता-पिता को सौंप दिया गया.
बेचने के इरादे से किया था चोरी
आरोपियों ने पुलिस को बताया है कि वह जंक्शन के आसपास ही रहते हैं घर की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है इसलिए बच्ची चोरी करने की प्लानिंग बनाई थी. स्टेशन पर देखा कि बच्ची दिखाई दे रही है और मौका पाकर महिला बच्ची को उठाकर अपने साथ ले गई.
आरोपी कुसुम और इसके पति नेनुआ फर्रुखाबाद रोड जिलालाबाद के रहने वाले हैं. इनके पास से ही बच्ची बरामद की गई है. पूछताछ में पता चला है की बच्ची को बेचने के इरादे से किडनैप किया गया था. इसको बेचने के लिए लेकर जा रही थी, ग्राहक मिल जाता तो इसको बेच देते. 28 तारीख को टिकट विंडो के पास से वेटिंग एरिया से बच्ची का किडनैप हुआ था.