स्मार्ट मीटर लगाकर सरकार निजीकरण को बढ़ावा देना चाहती है, माकपा सड़क से संसद तक लड़ाई लड़ेगी- सांसद

सीकर: प्रदेश में स्मार्ट मीटर लगाने के विरोध में शनिवार को सीकर में माकपा की ओर से रणमल सिंह ऑडिटोरियम में कन्वेंशन आयोजित हुआ. इस दौरान सांसद अमराराम सहित कई वक्ताओं ने स्मार्ट मीटर की कमियां बताई और स्मार्ट मीटर को आम उपभोक्ताओं के साथ सरकार की ठगी बताया. सांसद अमराराम ने कहा कि स्मार्ट मीटर प्रदेश सरकार की निजीकरण की नीति को बढ़ावा देने वाला कदम है. सरकार लगातार निजीकरण को बढ़ावा दे रही है. जिसे किसी भी हालत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.

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सांसद ने कहा कि स्मार्ट मीटर लगाने से लोगों पर आर्थिक भार भी बढ़ेगा. मीटर की राशि धीरे-धीरे सरकार आम उपभोक्ताओं से ही वसूल करेगी. उन्होंने कहा कि स्मार्ट मीटर को लेकर माकपा की ओर से पूरे प्रदेश में आंदोलन किया जाएगा. प्रदेश और केंद्र में भाजपा की डबल इंजन सरकार है, जो लगातार निजीकरण को बढ़ावा दे रही है और आम जनता को लूटना चाह रही है.

प्रदेश में सौर ऊर्जा से जितनी बिजली बनती है, उसमें से 80% बिजली आज भी दूसरे राज्यों में सप्लाई की जाती है. जबकि इसके लिए जमीन किसानों ने दी है. किसानों को तो बिजली की प्रति यूनिट के हिसाब से दो रुपए दिए जाते हैं, लेकिन कंपनी से बिजली खरीद की जाती है तो उन्हें सात रुपए प्रति यूनिट का भुगतान किया जाता है.

प्रदेश में वर्तमान में बिजली को लेकर हालत यह है कि कहीं पर कोई फाल्ट भी हो जाता है तो दो-दो तीन-तीन दिन तक ठीक नहीं हो पाता है. माकपा स्मार्ट मीटर को लेकर गांव से लेकर शहर तक और सड़क से लेकर संसद तक लड़ाई लड़ेगी. कार्यक्रम में काफी संख्या में माकपा कार्यकर्ता और पदाधिकारी मौजूद रहे.

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