राजनांदगांव : यू तो शासन द्वारा विकास कार्यों के लिए तमाम योजनाएं बनाई जाती हैं परंतु प्रशासनिक तंत्र में जिन जिम्मेदारों के हाथों में इसे धरातल पर उतारने का जिम्मेदारी होती है उनकी लापरवाही और नजर अंदाजगी के चलते आम तौर पर कई शासकीय योजनाएं धरातल पर दम तोड़ती दिखाई देती है कुछ ऐसा ही दृश्य राजनांदगांव जिले के धर्म नगरी डोंगरगढ़ के हृदय स्थल बुधवारी पारा से निकल कर सामने आया है.
राजनांदगांव जिले के डोंगरगढ़ शहर के हृदय स्थल बुधवारी पारा में लाखो की लागत से बना सब्जी मार्केट बीते कई वर्षों से अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रहा है ऐसा नही शासन द्वारा इसके विकास के लिए योजनाएं नहीं बनाई गई हो बावजूद इसके स्थानीय प्रशासन की लापरवाही से शहर को व्यवस्थित करने के लिए बनाए गए इस सब्जी मार्केट को छोड़ कर सब्जी विक्रेता सड़क किनारे ही बैठ अपना व्यवसाय करते है.
शासन के द्वारा बुधवारी सब्जी मार्केट में शेड, चबूतरा के साथ-साथ ही उनके सब्जियों को रखने के लिए छोटे-छोटे ब्लॉक का निर्माण भी कराया गया था साथ ही बाजार में सार्वजनिक सुलभ शौचालय का निर्माण भी शासन के मनसा अनुरूप किया गया इसके बाद भी स्थानीय नगर पालिका परिषद के नजर अंदाजगी और जिम्मेदारों की लापरवाही के कारण सब्जी व्यवसाई इस सब्जी मार्केट को छोड़ सड़क किनारे ही अपने व्यवसाय का संचालन करते हैं.
जिसके फल स्वरुप यह तमाम सुविधाएं अब क्षतिग्रस्त हालत में पहुंच चुकी है. वही हाल ही के दिनों में फिर एक बार इस बुधवारी सब्जी मार्केट में शासन के द्वारा पौनी पसारी योजना के तहत लगभग 25 लख रुपए की लागत से शेड निर्माण कराया गया परंतु अब यह भी सुना पड़ा हुआ है.
बाजार में गंदगी का अंबार फैला रहता है जिसे मवेशी खाते हैं तो वही अब इस सब्जी मार्केट का उपयोग अवैध पार्किंग के तौर पर किया जाने लगा है. वही बात की जाए राजनैतिक दलों की तो चाहे नगर पालिका परिषद में सत्ता का सुख भोग रही कांग्रेस पार्टी हो या विपक्ष में बैठी भाजपा दोनों ही एक सुर में यहां सब्जी मार्केट लाने की मांग करते नजर आते है जिससे शहर को व्यवस्थित कर शहर की सड़कों पर बाजार के समय लगने वाले जाम को नियंत्रित किया जा सके.
वही बुधवारी सब्जी मंडी में मार्केट लगने कि आस छोड़ चुके आसपास के दुकानदार भी यहां सब्जी मार्केट लगाने की मांग करते नजर आते और क्षतिग्रस्त पड़े सुलभ शौचालय के रखरखाव कर पुनः शुरू किए जाने की मांग करते हैं.
वही बात की जाए प्रशासनिक जिम्मेदारों की तो डोंगरगढ़ एसडीएम ने बताया कि शहर वासियों की मांग है कि बुधवारी में बनाए गए सब्जी मार्केट में मंडी को शिफ्ट किया जाए जिसका परीक्षण कर मंडी को शिफ्ट करने का प्रयास किया जाएगा.
आज से ही नहीं बल्कि वर्षों पुराना बुधवारी सब्जी मार्केट जहां शासन द्वारा जनता के लाखो रुपए लगा कर शहर को व्यवस्थित करने के लिए सब्जी मंडी लगाया जाना था जिसके लिए राजनीतिक दलों के साथ-साथ ही प्रशासनिक तंत्र भी कैमरे के सामने अपनी सहमति देता नजर आता है बावजूद इसके यह सब्जी मंडी अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रहा है.
ऐसे में यह आने वाला समय ही बताएगा कि शासन द्वारा लाखों रुपए खर्च कर शहर विकास के लिए बनाए गए इस सब्जी मार्केट के अस्तित्व की लड़ाई कब समाप्त होगी या फिर जिम्मेदारों की सहमति महज एक औपचारिकता बनकर रह जाएगी ?
शशांक उपाध्याय