केंद्र सरकार का भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) से बड़ी रकम मिलने वाली है. रिपोर्ट के अनुसार, वित्त वर्ष 2025 में रिजर्व बैंक सरकार को सरप्लस अमाउंट ट्रांसफर करेगा. इसकी रकम 2.5 लाख करोड़ रुपये या उससे भी ज्यादा हो सकती है. यह अमाउंट पिछले वित्त वर्ष में दिए गए डिविडेंड की तुलना में ज्यादा होगा. ये रकम वित्त वर्ष 2026 के बजट अनुमान से भी ज्यादा हो सकती है.
अगर आरबीआई इतना डेविडेंड सरकार को ट्रांसफर करता है तो देश की जरूरतों को पूरा करने के लिए सरकार को ज्यादा कर्ज लेने की आवश्यकता नहीं होगी. सरकार के कर्ज का हिसाब आरबीआई के पास ही होता है. RBI मई के आखिरी में सरकार को बताएगा कि वो वित्त वर्ष 2025 के लिए कितना सरप्लस पैसा ट्रांसफर करेगा. पिछले साल RBI ने 2.1 लाख करोड़ रुपये दिये थे.
RBI के पास कहां से आएगा ये पैसा?
रिजर्व बैंक सरप्लस इनकम से सरकार को डिविडेंड देती है. ये पैसा RBI निवेश और डॉलर को रखने के बाद वैल्यूएशन में हुई बढ़ोतरी से कमाती है. इसके साथ ही करेंसी प्रिंट करने पर मिलने वाली फीस भी इसमें शामिल होती है. इसके बाद जब रिजर्व बैंक को मुनाफा होता है तो वह उसका कुछ हिस्सा सरकार को देता है. यानी रिजर्व बैंक के ज्यादा मुनाफे की वजह से सरकार को फायदा होता है. पिछले साल आरबीआई ने सरकार को 2.10 लाख करोड़ का डिविडेंड दिया था.
सरकार क्या करेगी इस पैसे का?
RBI की ओर से दी गई इस रकम को सरकार अपना वित्तीय घाटा कम करने में यूज करेगी. वित्तीय घाटा यानी सरकारी की कमाई और खर्च के बीच का अंतर. सरकार के खर्च करने से बैंकों के पास भी ज्यादा पैसा आएगा.
RBI की कमाई के सोर्स
केंद्रीय बैंक सरकारी बॉन्ड के जरिए ब्याज कमाता है. विदेशी मुद्रा में निवेश के जरिए भी आय होती है. रिजर्व बैंक की बैलेंस शीट में करीब 70 फीसदी हिस्सा फॉरेन करेंसी एसेट का है, जबकि 20 फीसदी हिस्सा सरकारी बॉन्डों के रूप में है. RBI डॉलर रिजर्व में रखता है, कीमत बढ़ने पर उसे बेचने से खासा रिटर्न आता है.
सरकार बाजार में लगाने के लिए आरबीआई से जो पैसा लेती है, उससे भी केंद्रीय बैंक की कमाई करता है. इसके अलावा आरबीआई विभिन्न कमर्शियल बैंकों को कर्ज देता है. उसके बदले में बैंक आरबीआई को ब्याज का भुगतान करते हैं.
आरबीआई के पास जो सर प्लस अमाउंट यानी लाभांश होता है, उसका डिविडेंड सरकार को देने के बाद जो बचता है उसके ब्याज से कमाई करता है.
फॉरेन एसेट्स का रीवैलुएशन यानी विदेशी संपत्तियों और सोने का पुनर्मूल्यांकन से कमाई होती है.रिजर्व सोने को उच्चे दाम पर बेचकर जबरदस्त कमाई होती है.
डिविडेंड क्या है? डिविडेंड यानी लाभांश कंपनी के मुनाफे का एक हिस्सा है, जो शेयरधारकों को भुगतान किया जाता है. यह नकद, नकद समतुल्य, शेयर वगैरह के रूप में हो सकता है.