अयोध्या में संघ के स्वयंसेवकों का भव्य पथ संचलन बना आकर्षण का केंद्र

अयोध्या धाम में रविवार को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के पथ संचलन ने धार्मिक और सांस्कृतिक नगरी को अनुशासन, एकता और देशभक्ति के भाव से सराबोर कर दिया। रामकथा पार्क से प्रारंभ हुए इस पथ संचलन में 1000 से अधिक स्वयंसेवकों ने भाग लिया. उनके अनुशासित स्वरूप, पारंपरिक वेशभूषा और तालबद्ध कदमों ने पूरे मार्ग में जनमानस को प्रभावित किया.

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पथ संचलन का मार्ग रामकथा पार्क से आरंभ होकर लता मंगेशकर चौक, तुलसी उद्यान, छोटी देवकाली, हनुमानगढ़ी और बिरला धर्मशाला होते हुए पुनः रामकथा पार्क पर संपन्न हुआ. इस दौरान अयोध्यावासियों ने विभिन्न स्थानों पर स्वयंसेवकों पर पुष्पवर्षा कर उनका स्वागत किया. स्थानीय लोगों ने पूरे आयोजन को एक ऐतिहासिक क्षण बताते हुए कहा कि यह दृश्य आत्मगौरव और संस्कृति से जुड़ाव का प्रतीक है.

 

संघ के इस वार्षिक आयोजन का उद्देश्य न केवल अनुशासन और संगठन की शक्ति का प्रदर्शन करना है, बल्कि समाज में एकता, सेवा और राष्ट्रप्रेम की भावना का संचार करना भी है. पथ संचलन के दौरान बैंड की मधुर धुनों और समवेत स्वर में गूंजते कदमों ने वातावरण को भक्तिमय और प्रेरणादायक बना दिया. कई स्थानों पर लोगों ने जलपान की व्यवस्था की और स्वयंसेवकों के लिए स्वागत द्वार सजाए गए.

कार्यक्रम में भाग ले रहे स्वयंसेवकों की अनुशासित पंक्तियाँ, उनकी एक जैसी पोशाक और समवेत गति ने यह साबित किया कि जब देश और संस्कृति के प्रति समर्पण हो, तो कोई भी कार्य असंभव नहीं होता। इस आयोजन में युवा से लेकर वरिष्ठ स्वयंसेवकों तक ने उत्साहपूर्वक भाग लिया.

पथ संचलन के समापन पर रामकथा पार्क में एक संक्षिप्त सभा का आयोजन हुआ, जिसमें वरिष्ठ पदाधिकारियों ने स्वयंसेवकों को संबोधित करते हुए उन्हें समाजसेवा, राष्ट्रनिर्माण और सांस्कृतिक संरक्षण के लिए प्रेरित किया. उन्होंने बताया कि संघ का उद्देश्य केवल संगठन निर्माण नहीं, बल्कि समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाना है.

अयोध्या के ऐतिहासिक और धार्मिक वातावरण में यह आयोजन एक प्रेरक क्षण बनकर उभरा, जिसने न केवल स्थानीय नागरिकों को प्रभावित किया, बल्कि संघ की विचारधारा और कार्यपद्धति को भी जनसामान्य के सामने प्रभावी रूप से प्रस्तुत किया. पथ संचलन के इस भव्य आयोजन ने एक बार फिर यह सिद्ध कर दिया कि अनुशासन, समर्पण और संस्कार जब एक साथ चलते हैं, तो समाज में एक नई ऊर्जा का संचार होता है.

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