कोलकाता में RG Kar मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल की ट्रेनी डॉक्टर से रेप और मर्डर के मामले पर डॉक्टरों की हड़ताल अभी-भी जारी है. सुप्रीम कोर्ट द्वारा जूनियर डॉक्टरों को दी डेडलाइन शाम 5 बजे ही खत्म हो चुकी है. अब जानकारी आ रही है कि बंगाल सरकार ने छात्रों को ईमेल भेजकर बातचीत के लिए संपर्क किया है और डॉक्टरों के एक प्रतिनिधिमंडल को मुख्यमंत्री ने मिलने बुलाया है. हालांकि, प्रदर्शनकारी छात्रों ने ममता सरकार के प्रस्ताव को खारिज कर दिया है.
ममता सरकार के इस कदम के बारे में जानकारी देते हुए टीएमसी नेता और स्वास्थ्य एवं परिवार राज्य मंत्री चंद्रिमा भट्टाचार्य ने बताया कि बंगाल सरकार ने प्रदर्शनकारी छात्रों से ईमेल पर संपर्क कर बातचीत के लिए 10 डॉक्टरों के प्रतिनिधिमंडल को बुलाया है. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने डॉक्टरों के प्रतिनिधिमंडल से मिलने के लिए अपने कक्ष में इंतजार कर रही हैं, लेकिन डॉक्टरों की ओर से इस मेल के जवाब में कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली है. डॉक्टरों की ओर से कोई जवाब नहीं मिलने के बाद सीएम ने बंगाल सचिवालय से निकल गईं हैं. सीएम ने एक बार फिर प्रदर्शनकारी डॉक्टरों से काम पर लौटने का अनुरोध किया है.
वहीं, बंगाल सरकार द्वारा बातचीत के लिए संपर्क करने पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि हमें बड़े आश्चर्य से एक मेल मिला है. हमारी पांच मांगें थीं, जिसमें डीएचएस और डीएमई और स्वास्थ्य सचिव को हटाए जाने की मांग शामिल थी. पर आश्चर्य की बात है कि उस हेल्थ सेक्रेटरी ने हमें मेल किया है.
उन्होंने कहा कि अगर हम चाहें तो 10 प्रतिनिधियों के साथ नबन्ना आ सकते हैं. स्वास्थ्य सचिव का ईमेल आया है. हम इसे सकारात्मक संकेत के रूप में नहीं देखते हैं. हम बातचीत के लिए हमेशा तैयार हैं, लेकिन स्वास्थ्य सचिव का मेल भेजना हमारे लिए बहुत अपमानजनक है.
सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा
सोमवार को इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में हुई सुनवाई के दौरान CJI ने कहा था कि डॉक्टर वापस काम पर लौटें और हम उन्हें दी जाने वाली सभी सुविधाएं सुनिश्चित करेंगे. अगर वे ऐसा नहीं करते हैं तो उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी. सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया कि पुलिस यह सुनिश्चित करेगी कि सभी डॉक्टरों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए जरूरी परिस्थितियां बनाई जाएं, जिसमें अलग-अलग ड्यूटी रूम, शौचालय की सुविधा, CCTV कैमरे लगाने की व्यवस्था शामिल है. डॉक्टरों को सबसे पहले काम पर लौटना चाहिए और उन्हें काम पर वापस आकर अपना काम पूरा करना चाहिए.
दरअसल, कोलकाता रेप-मर्डर मामले के एक महीने बाद सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई थी. इस मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की बेंच ने की थी. सीबीआई ने जांच पर अपनी स्टेटस रिपोर्ट पीठ को सौंपी थी.