मौसम अजब-गजब आंख मिचौली खेल रहा है. सर्दी के मौसम में देश के ज्यादातर हिस्सों में गर्मी आ गई. फरवरी महीने में गर्मी ने पिछले 125 सालों का रिकॉर्ड तोड़ दिया है. ये तो सिर्फ ट्रेलर था पिक्चर तो अभी बाकी है. मई-जून तो आने दीजिए गर्मी तो अभी और रुलाएगी. मौसम विभाग ने पहले ही चेतावनी दे दी है कि इस बार सामान्य से ज्यादा गर्मी पड़ेगी. 1901 के बाद जब से देश में मौसम का रिकॉर्ड रखने की शुरुआत हुई, उसके बाद फरवरी 2025 देश में सबसे गर्म दर्ज किया गया. मौसम विभाग ने शुक्रवार को कहा कि देश के ज्यादातर हिस्सों में मार्च से मई तक सामान्य से ज्यादा गर्मी पड़ने की संभावना है. इस दौरान लू चलने का भी अनुमान है.
वहीं जनवरी 2025 का महीना साल 1901 के बाद तीसरा सबसे गर्म रहा. इससे पहले, 1901 के रिकॉर्ड में 2024 को सबसे गर्म साल घोषित किया गया था. सर्दी के मौसम में आई गर्मी और मार्च में सामान्य से ज्यादा गर्मी पड़ने का पूर्वानुमान किसानों के लिए परेशानी भरा है. इससे गेहूं और सरसों की फसल को नुकसान हो सकता है. वहीं सामान्य से ज्यादा गर्मी पड़ने का पूर्वानुमान भी किसी खतरे की घंटी से कम नहीं है.
देश में ऐसी गर्मी कभी नहीं देखी!
देश में हाल के महीनों में गर्मी की स्थिति जैसी रही वैसी पहले कभी नहीं देखी गई. फरवरी में इतनी गर्मी पहले कभी नहीं पड़ी. पिछले 8 महीनों में से 5 महीनों में न्यूनतम तापमान रिकॉर्ड स्तर पर रहा. जिन राज्यों में बुआई देरी से हुई, गर्मी की वजह से वहां पर उत्पादन में कमी देखी गई है.
गर्मी को लेकर IMD की चेतावनी सुनिए
IMD के सीनियर वैज्ञानिक डीएस पाई ने मार्च से मई तक यूपी, बिहार, झारखंड, बंगाल,राजस्थान, गुजरात, हरियाणा, पंजाब, एमपी, महाराष्ट्र, ओडिशा, छत्तीसगढ़, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और उत्तरी कर्नाटक में सामान्य से ज्यादा गर्मी पड़ने का अनुमान जताया है. उन्होंने कहा कि मार्च में प्रायद्वीपीय भारत के कुछ सुदूर दक्षिणी भागों को छोड़कर देश के अधिकांश हिस्सों में मासिक अधिकतम तापमान सामान्य से अधिक रहने की संभावना है. IMD के सीनियर वैज्ञानिक ने दक्षिण प्रायद्वीपीय क्षेत्र में अधिकतम तापमान सामान्य से कम रहने की संभावना है.
गेहूं की सफल पर गर्मी का क्या होगा असर?
मार्च का अधिक गर्म रहने का अनुमान इसलिए लगाया गया है क्योंकि देश में 1901 के बाद सबसे गर्म फरवरी रही. इस दौरान औसत तापमान 22.04 डिग्री सेल्सियस रहा, जो सामान्य 20.70 डिग्री से 1.34 डिग्री अधिक था. रबी फसल पर गर्म मौसम के प्रभाव के बारे में पूछे जाने पर IMD के सीनियर वैज्ञानिक ने कहा कि कृषि मंत्रालय के विशेषज्ञों के साथ उनकी चर्चा के मुताबिक, देश में उगाए जाने वाले लगभग 60 प्रतिशत गेहूं की किस्म गर्मी प्रतिरोधी है.