चिकित्सक रहे पति को करंट लगाकर हत्या में सेशन कोर्ट से उम्र कैद की सजा को चुनौती देने वाली केमिस्ट्री की प्रोफेसर रहीं 65 वर्षीय ममता पाठक की याचिका पर बहस पूरी होने के बाद मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने फैसला सुरक्षित कर लिया। हाई कोर्ट ने कहा है कि जब तक फैसला नहीं आ जाता, महिला प्रोफेसर जमानत पर रिहा रहेगी।
दरअसल, जब इस प्रकरण की सुनवाई चल रही थी, तब आरोपित महिला ने पोस्टमार्टम प्रक्रिया का रसायनिक विश्लेषण कर चौंका दिया। हाई कोर्ट ने उसके बयान को रिकॉर्ड पर ले लिया। इससे पूर्व हाई कोर्ट के न्यायमूर्ति विवेक अग्रवाल व न्यायमूर्ति देवनारायण मिश्रा की युगलपीठ ने महिला प्रोफेसर ममता पाठक से सवाल किया कि आप पर अपने पति की इलेक्ट्रिक करंट से हत्या का आरोप है, इस पर आपका क्या कहना है?
आरोपित ने क्या दी दलील
इस पर अपने बचाव में प्रो. ममता ने अपने केमिस्ट्री के ज्ञान के आधार पर तर्क देते हुए कहा कि पोस्टमार्टम रूम में थर्मल बर्न और इलेक्ट्रिक बर्न में अंतर कर पाना संभव नहीं है। जब करंट शरीर से गुजरता है, तो मेडिकल मेटल के कण टिशू में जम जाते हैं। बाद में लैब में उसे एचसीएल या नाइट्रिक एसिड में घोलकर परीक्षण किया जाता है। वहां असली पहचान होती है कि बर्न किस कारण से हुआ।
जांच में यह आया था सामने
उल्लेखनीय है कि अभियोजन पक्ष का मानना यह था कि अपीलकर्ता प्रोफेसर ममता पाठक ने अपने 63 वर्षीय पति डॉ. नीरज पाठक की बिजली का करंट लगाकर हत्या कर दी। 29 अप्रैल, 2021 को डॉ. नीरज छतरपुर जिले में स्थित अपने घर में मृत पाए गए, उनके शरीर पर कई जगह बिजली के जलने के निशान पाए गए। छह मई, 2021 को अज्ञात व्यक्ति के विरुद्ध हत्या की एफआइआर दर्ज की गई।
अभियोजन पक्ष के अनुसार, पोस्टमार्टम से पता चला कि डॉ. नीरज की मौत शरीर के कई स्थानों पर बिजली के करंट से कार्डियो रेस्पिरेटरी फेलियर के कारण हुई। जांच के दौरान दर्ज बयानों के आधार पर प्रोफेसर ममता को मामले में आरोपित बनाया गया।
सेशन कोर्ट ने दोषी मानकर सुनाई उम्र कैद
2022 में छतरपुर की सेशन कोर्ट ने ममता को हत्या का दोषी मानते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई थी, लेकिन इसके बाद हाई कोर्ट में अपील दायर की और कुछ माह पहले जमानत मिल गई। पुलिस की जांच के अनुसार, घर में डॉ. नीरज पाठक के मृत पाए जाने के बाद पत्नी प्रोफेसर ममता पाठक ने पहले बयान दिया था कि वह बेटे के साथ झांसी गई थी, लौटने पर पति मृत मिले, लेकिन जांच में पाया गया कि प्रोफेसर ममता ने पति को पहले नींद की गोलियां दीं, फिर उन्हें इलेक्ट्रिक शाक देकर मार डाला। ड्राइवर के बयान और मृतक नीरज की एक आडियो क्लिप ने इस केस को मजबूत बना दिया, जिसमें वह कह रहे हैं कि पत्नी ममता उन्हें प्रताड़ित करती हैं।