मध्य प्रदेश को टाइगर स्टेट का तमगा है. देश में सबसे ज्यादा बाघ मध्य प्रदेश में ही हैं. मगर हैरानी की बात तो ये है कि इसी टाइगर स्टेट में सबसे ज्यादा मौतें भी बाघों की हुई हैं. कभी शिकार तो कभी किसी अन्य वजहों से बाघों की मौत हुई. देश में सबसे ज्यादा टाइगर 785 मध्य प्रदेश में ही हैं. मात्र 6 महीने में मध्य प्रदेश में 27 बाघों की मौत हुई है.
हैरानी की बात तो ये है कि प्रदेश में करीब 10 बाघों की मौत शिकार करने से हुई है. कभी किसी टाइगर को फांसी लगा दी गई तो कभी गर्दन काट दी गई. करीब दो दशक से बाघों के संरक्षण को लेकर काम करते आ रहे अजय दुबे का कहना है कि बीते 10 वर्षों में सबसे ज्यादा बाघों की मौत मध्य प्रदेश में हुई है. प्रदेश में स्पेशल टाइगर फोर्स बनानी होगी. वन विभाग के बड़े अधिकारियों को जमीन पर उतरना होगा, तभी इस पर अंकुश लग पाएगा.
कांग्रेस पार्टी ने की जांच की मांग
मध्य प्रदेश में बाघों की मौत पर सियासत भी जमकर हो रही है. कांग्रेस पार्टी मोहन यादव सरकार पर आरोप लगा रही है कि वन विभाग के अधिकारी ही शिकारियों के साथ मिले रहते हैं. अधिकारीयों के संरक्षण में ही ये सारी चीजें हो रही हैं. बाघों की मौत पर एक हाई लेवल कमेटी बननी चाहिए, जो इसकी विस्तृत जांच करे.
वहीं बीजेपी मोहन यादव सरकार का बचाव करती हुई दिखाई दे रही है. बीजेपी का कहना है कि मध्य प्रदेश सरकार के अथक प्रयासों से ही आज मध्य प्रदेश टाइगर स्टेट बन पाया है. बाघों के संरक्षण के लिए सरकार लगातार बेहतर कार्य कर रही है.
मोहन सरकार ने STF का किया गठन
मध्य प्रदेश में अकेले बांधवगढ़ में ही 12 बाघों की मौत हो चुकी है. इसके लिए एक जांच कमेटी का गठन भी किया गया है. दूसरी तरफ बाघों का शिकार सबसे बड़ी समस्या बना हुआ है. उम्मीद है कि सरकार बाघों को बचाने के लिए उचित कदम उठाएगी. वहीं बांधवगढ़ में बाघों की मौत पर एक STF टीम का गठन किया गया है.