मायके बुलाया, बहस हुई और गायब हो गया पति… 8 साल बाद पत्नी पर कत्ल का केस, लेकिन रहस्य बरकरार

उत्तर प्रदेश के भदोही जिले में एक हैरान कर देने वाली वारदात सामने आई है. यहां आठ साल से लापता एक युवक की तलाश में पुलिस को सामने चौंका देने वाला खुलासा हुआ. पुलिस जांच में पता चला कि युवक गायब नहीं है, बल्कि उसकी हत्या की गई है. इस मामले में मृतक की पत्नी, पांच परिजनों और कई अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की संबंधित धाराओं के तहत केस दर्ज किया गया है. पुलिस अब इस मामले में हत्या के एंगल से जांच कर रही है.

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ये मामला भदोही जिले के चौरी थाना क्षेत्र का है. एसएचओ रमेश कुमार ने बताया कि मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट अशोक कुमार मिश्रा के निर्देश पर आईपीसी की धारा 364 (हत्या के लिए अपहरण), 504 (अपमान) और 506 (आपराधिक धमकी) के तहत रेखा देवी, रमेश पाठक, अखिलेश पाठक, राहुल पाठक, दीपक पाठक, आरती देवी और अन्य अज्ञात लोगों पर केस दर्ज किया गया है. ये मामला प्रयागराज जिले के हंडिया इलाके के रहने वाले अजय कुमार दुबे उर्फ सोनू से जुड़ा है.

रेखा के मायके से मिलने वाले आते तो नाराज होता था सोनू

साल 2008 में सोनू की शादी भदोही के मानिकपुर गांव की रहने वाली रेखा देवी (29) से हुई थी. शादी के बाद शुरू के दिनों में दोनों के संबंध सामान्य रहे, लेकिन बाद उनके बीच झगड़ा होने लगा. दरअसल, मकुछ लोग रेखा से मिलने के लिए अक्सर आया-जाया करते थे. ये बाद सोनू को पसंद नहीं थी. इसी बात को लेकर दोनों के बीच अक्सर बहस और झगड़ा हुआ करता था. 30 जनवरी 2017 को मायके में रह रही रेखा देवी ने सोनू को मिलने के लिए भदोही बुलाया था.

बीवी के बुलावे पर भदोही गया, कभी वापस नहीं आया सोनू

इसके बाद सोनू कभी वापस नहीं आया. उस वक्त उसका परिवार मुंबई गया हुआ था. लेकिन वापस आने के बाद उसके पिता रमा शंकर दुबे (58) ने उसकी तलाश शुरू कर दी. स्थानीय थाने में उसकी गुमशुदगी की शिकायत भी दर्ज कराई, लेकिन पुलिस सक्रिय नहीं हुई. इसके बाद उन्होंने 20 अप्रैल 2024 को मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में अपनी याचिका दायर की थी. रमा शंकर दुबे ने दावा किया कि वो अपने बेटे अजय को तलाशने की तमाम कोशिश कर चुके हैं.

मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के आदेश के बाद कत्ल का केस दर्ज

इसी बीच उनको अपने कुछ रिश्तेदारों से पता चला कि जब अजय रेखा के घर पहुंचा, तो दोनों के बीच बहुत झगड़ा हुआ था. इसके बाद से ही अजय को किसी ने नहीं देखा. परिजन अब इस आशंका को पुख्ता मान रहे हैं कि अजय की उसी दिन हत्या कर दी गई या उसे जानबूझकर गायब कर दिया गया. 19 जुलाई को मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट अशोक कुमार मिश्रा ने रमा शंकर दुबे की याचिका पर संज्ञान लेते हुए पुलिस को आदेश दिया कि वो केस दर्ज कर तत्काल जांच शुरू करे.

पुलिस के सामने चुनौती, कैसे एकत्र करेगी हत्या के सबूत?

कोर्ट के आदेश के बाद पुलिस ने सभी आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर अजय की तलाश शुरू कर दी है. लेकिन पुलिस के सामने सबसे बड़ी चुनौती आठ साल बाद उन सबूतों को एकत्र करना है, जो ये साबित कर सकें कि रेखा देवी और उसके साथ इस मामले में हत्यारोपी हैं. हालांकि, पुलिस ने अपनी जांच का दायरा बढ़ा दिया है. आरोपियों से जुड़ी हर चीज की तहकीकात की जा रही है. पुलिस बहुत जल्द सभी आरोपियों को हिरासत में लेकर पूछताछ करेगी.

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