महाराष्ट्र में आज कल साइबर क्राइम के मामले सामने आ रहे हैं, जो आपको हैरान कर देंगे. महाराष्ट्र में साइ्बर ठगी के दो ऐसे मामले सामने आए हैं, जिसमें लाखों की नहीं बल्कि करोड़ों की चोरी को अंजाम दिया गया. पहला मामला बैंक में 40 करोड़ की ठगी का था और दूसरे मामले में अपराधी ने अजित गुट की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के नेता और राज्यसभा सांसद प्रफुल्ल पटेल के नाम को इस्तेमाल कर कतर की रॉयल फैमिली से पैसे ठगने की कोशिश की. हालांकि इन दोनों मामलों में अधिकारियों ने तुरंत एक्शन लिया.
एनसीपी के नेता और राज्यसभा सांसद प्रफुल्ल पटेल के नाम पर एक साइबर ठग ने कतर की रॉयल फैमिली से पैसे की मांग की. आरोपी ने पहले प्रफुल्ल पटेल से मिलता-जुलता वीआईपी नंबर खरीदा. वीआईपी नंबर हासिल करने के बाद आरोपी ने सोशल मीडिया हैंडल व्हाट्सएप पर प्रफुल्ल पटेल की प्रोफाइल पिक्चर लगाई, जिसके बाद कतर की एक रॉयल फैमिली को ठगने के इरादे से उन से प्रफुल्ल पटेल के नाम पर पैसों की मांग की. साइबर स्कैमर को लगा था कि कतर की रॉयल फैमिली उस के इस ठग को नहीं पहचान पाएगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ, फैमिली को आरोपी के मैसेज पर शक हुआ.
रॉयल फैमिली को हुआ मैसेज पर शक
दरअसल 20 जुलाई को आरोपी ने रॉयल फैमिली को मैसेज किया था, जिसके बाद फैमिली को मैसेज पर शक हुआ , क्योंकि फैमिली को खुद यकीन नहीं हुआ था कि प्रफुल्ल पटेल जो खुद एक उद्योगपति और नेता है वो कतर में किसी रॉयल फैमिली से पैसे क्यों मांगेंगे. फैमिली ने प्रफुल्ल पटेल से खुद संपर्क किया. उन्होंने पटेल को इस मामले की पूरी जानकारी दी, इस साइबर ठगी के बारे में जान कर खुद पटेल भी हैरान थे. नेता ने इसकी जानकारी फौरन महाराष्ट्र साइबर सेल को दी , जिसके बाद साइबर ने IT एक्ट 66 D के तहत FIR दर्ज की.
पुलिस ने किया ठग को गिरफ्तार
मामले पर एक्शन लेते हुए साइबर सेल ने फौरन जांच शुरू की और आरोपी राहुल कांत को गिरफ्तार किया. साइबर सेल की जांच में सामने आया कि आरोपी राहुल कांत खुद मुंबई के पॉश इलाके जुहु में रहता था. आरोपी से आगे की जांच की जा रही है
बैंक में हुई करोड़ों की ठगी
महाराष्ट्र साइबर सेल ने एक निजी बैंक से ठगी और लूट का एक ऐसा मामला दर्ज किया है जो इससे पहले देश के इतिहास में शायद ही कहीं दर्ज हुआ होगा. बैंक से ठगी की बात कोई नई नहीं है, लेकिन 40 करोड़ रुपये की ठगी कोई मामूली बात नहीं है. दरअसल, साइबर स्कैमर्स ने एक निजी बैंक को निशाना बनाया और करीब 40 करोड़ रुपए लूटने की कोशिश की. साइबर ठगी में स्कैमर्स ने ऐसी तैयारी की थी कि फौरन पैसे ट्रांसफर होने लगे.
8 करोड़ रुपए हुए ट्रांसफर
बैंक से एक झटके में 8 करोड़ रुपए ट्रांसफर भी हो गए, उसी समय बैंक के एक बड़े अधिकारी की नजर इस ठगी पर पड़ी. उन्होंने देखा कि इतना बड़ा अमाउंट कैसे और कहां ट्रांसफर हो रहा है. अधिकारी ने तत्काल महाराष्ट्र साइबर सेल को सूचना दी. साइबर सेल ने फौरन बैंक को अलर्ट किया और लगभग 32 करोड़ रुपए की ठगी को रोकने में बैंक कामयाब रहा. बैंक की तिजोरी पर ऑनलाइन ठग ने डाका डालने की जो साजिश रची थी उस में वो पूरी तरह से कामयाब नहीं हो पाए.
हालांकि, अब साइबर सेल को शक है की इस ठगी को अंजाम देने में कोई बैंक के अंदर का ही कर्मचारी, अधिकारी भी शामिल हो सकता है, ऐसे में हर कोइ निशाने पर है और पुलिस ने इस मामले में अभी तक कोई गिरफ्तारी तो नहीं की है, लेकिन हर एक पहलू से जांच की जा रही है.