अयोध्या: रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद से अयोध्या का राम मंदिर श्रद्धालुओं और पर्यटकों की पहली पसंद बन चुका है। भक्तों की भारी भीड़ और दान की बौछार के चलते यह मंदिर अब भारत के शीर्ष तीन आय अर्जित करने वाले मंदिरों में शामिल हो गया है.
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार उत्तरप्रदेश-उत्तराखंड इकोनॉमिक एसोसिएशन के महासचिव प्रो. विनोद श्रीवास्तव के अनुसार, राम मंदिर की वार्षिक आय 700 करोड़ रुपये से अधिक हो चुकी है। यह आय स्वर्ण मंदिर, वैष्णो देवी और शिरडी साईं मंदिर से भी अधिक हो गई है. अब केवल आंध्र प्रदेश का तिरुपति वेंकटेश्वर मंदिर (1500-1650 करोड़ रुपये) और केरल का श्री पद्मनाभस्वामी मंदिर (750-850 करोड़ रुपये) ही राम मंदिर से आगे हैं.
श्रद्धालुओं की संख्या और दान में वृद्धि
अयोध्या में अब तक 13 करोड़ से अधिक श्रद्धालु दर्शन के लिए पहुंच चुके हैं। प्रतिदिन चार लाख से अधिक भक्त रामलला के दर्शन कर रहे हैं. मकर संक्रांति से श्रद्धालुओं का यह प्रवाह लगातार जारी है, जिससे दान का रिकॉर्ड भी टूट रहा है.
राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के प्रभारी प्रकाश गुप्ता के अनुसार, मंदिर के 10 दान काउंटरों पर रोजाना 10 लाख रुपये से अधिक का दान जमा हो रहा है। महाकुंभ के दौरान सिर्फ एक महीने में 15 करोड़ रुपये से अधिक का दान प्राप्त हुआ है.
अयोध्या के विकास को बढ़ावा
अयोध्या में बढ़ती श्रद्धालुओं की संख्या से उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था को बड़ा लाभ हो रहा है. शहर में होटल, धर्मशालाओं और अन्य सुविधाओं का तेजी से विस्तार हो रहा है। सरकार और मंदिर ट्रस्ट श्रद्धालुओं के ठहरने और सुविधाओं को बेहतर बनाने के लिए निरंतर प्रयासरत हैं.
(अयोध्या की धर्मनगरी अब सिर्फ आस्था का केंद्र ही नहीं, बल्कि देश की अर्थव्यवस्था में भी अपना महत्वपूर्ण योगदान देने लगी है।)