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यूपी में ‘वीर बाल टोली’ का अदम्य साहस, आदमखोर से भिड़कर बचाई मासूम की जान, SDPI ने किया सम्मानित

बहराइच: जिले की सीमा के ग्राम पंचायत गण्डारा में बीते गुरुवार की सुबह एक ऐसी भयावह घटना घटी, जिसने पूरे गांव को दहशत में डाल दिया था. गांव में अचानक एक आदमखोर जानवर घुस आया और घर के बाहर खेल रही एक मासूम बच्ची पर हमला कर दिया. स्थिति बेहद गंभीर हो चुकी थी, तभी गांव के पांच नन्हे-मुन्ने बच्चों ने अपनी जान की परवाह न करते हुए असाधारण साहस का परिचय दिया और उस जानवर को गांव से बाहर खदेड़ दिया.

नन्हे जांबाजों की निडरता

जिन पांच बच्चों ने मिलकर यह अदम्य साहस दिखाया, उनमें समीर (7 वर्ष), ऊबैदा (7 वर्ष), मोहम्मद कैफ (8 वर्ष), ज़िकरा (6 वर्ष), और अनस (7 वर्ष) शामिल हैं। इन बच्चों की सतर्कता और अद्भुत निडरता के कारण घायल मासूम बाल-बाल बच गई और जानवर गांव से भाग खड़ा हुआ.

SDPI ने बढ़ाया बच्चों का हौसला

बच्चों की इस बहादुरी को मीडिया पर देखने के बाद सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया (एसडीपीआई) ने उनके सम्मान में एक समारोह का आयोजन किया.

एसडीपीआई नेता साहिबे आलम, विधानसभा कैसरगंज प्रभारी फरीद अहमद एडवोकेट, जिला सचिव अब्दुल वहीद, और स्थानीय निवासी अर्शालान रशीद एडवोकेट की मौजूदगी में पाँचों बच्चों को फूलमाला पहनाकर सम्मानित किया गया. प्रत्येक बच्चे को ₹201 का नगद पुरस्कार दिया गया और एसडीपीआई नेताओं ने बच्चों को अपने हाथों से मिठाई खिलाकर उनका हौसला बढ़ाया.

हिम्मत और एकजुटता ही सबसे बड़ा हथियार

एसडीपीआई नेता साहिबे आलम ने कहा कि जिस उम्र में बच्चे खुद भयभीत हो जाते हैं, उस उम्र में इन्होंने बहादुरी का परिचय दिया है. उन्होंने कहा, “यह बहादुरी पूरे समाज के लिए प्रेरणा है और ग्राम वासियों को यह संदेश देती है कि संकट की घड़ी में हिम्मत और एकजुटता ही सबसे बड़ा हथियार है.”

एसडीपीआई विधानसभा कैसरगंज प्रभारी फरीद अहमद एडवोकेट ने कहा कि इन बच्चों ने यह साबित कर दिया कि हिम्मत उम्र की मोहताज नहीं होती। उन्होंने न सिर्फ बच्चों के साहस को सलाम किया, बल्कि समाज में ऐसी वीरता को आगे बढ़ाने का संकल्प भी लिया.

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