Vayam Bharat

थाने में ‘मदारी’ फिल्म जैसा लास्ट सीन… जिसने 14 महीने तक किडनैप करके रखा, उसी के कलेजे से लिपटा मासूम; रोने लगे दोनों

इरफान खान और जिमी शेरगिल स्टारर बॉलीवुड फिल्म ‘मदारी’ में गृहमंत्री के इकलौते बेटे रोहन का अपहरण कर लिया जाता है. मामले में CBI जांच शुरू होती है. फिर आखिर में पता चलता है कि एक पुल हादसे में अपने बेटे की मौत से दुखी निर्मल (इरफान खान) इस वारदात को अंजाम देता है. निर्मल जिम्मेदार राजनेताओं को सबक सिखाने के लिए मंत्री के बेटे को किडनैप करता है. फिर अंत में टीवी चैनल के लाइव प्रसारण में रोहन के मंत्री पिता समेत पुल बनाने के जिम्मेदारों को निर्मल अपने घर बुला लेता है. इस दौरान पुल के ठेकेदार, गृहमंत्री, और सत्तारूढ़ दल के मनी मैन अपनी भ्रष्ट गतिविधियों को लाइव प्रसारण पर स्वीकार लेते हैं. यह देख मासूम अपहृत रोहन समझ जाता है कि निर्मल ने यह सब क्यों किया और अपने घर जाने से पहले रोहन और किडनैपर निर्मल के गले से लिपट जाता है. कथानक अलग हो सकता है लेकिन इस फिल्म से मिलती-जुलती कहानी का लास्ट सीन रियल लाइफ में देखने को मिला है…

Advertisement

राजस्थान के जयपुर की यह रियल कहानी है. शहर के एक थाने में एक अपहृत बच्चे को आखिरी बार किडनैपर से मिलवाया गया तो भावुक कर देने वाला नजारा देखने को मिला. किडनैपर के सीने से लगकर बच्चा जोर-जोर से रोने लगा और आरोपी के भी झर-झर आंसू बहने लगे. हालांकि, यह मुलाकात कुछ मिनट तक की ही रही और पुलिसकर्मियों ने बच्चे को अपनी गोदी में लेकर बाहर खड़े माता-पिता को सौंप दिया. फिर माता-पिता से बच्चे के बारे में सवाल-जवाब किए. यह पूरा वाकया अब वीडियो में कैद हो गया है.

क्या है पूरी कहानी?
14 जून 2023 को राजस्थान की राजधानी जयपुर के सांगानेर सदर इलाके से 11 माह के बच्चे कुक्कू उर्फ पृथ्वी का अपहरण हो जाता है. किडनैपर तनुज चाहर बच्चे की मां का परिचित था और यूपी के जिला अलीगढ़ में हेड कांस्टेबल के पद पर तैनात था.

आरोपी तनुज ने ही अपने 4-5 साथियों के साथ पृथ्वी को उसके घर से किडनैप कर लिया था. रिपोर्ट दर्ज होने पर जयपुर पुलिस ने पहले पुलिस लाइन अलीगढ़ में हेड कांस्टेबल तनुज चाहर की तलाश की, लेकिन आरोपी अपनी ड्यूटी से भी गैर-हाजिर चल रहा था. बाद में यूपी सरकार ने हेड कांस्टेबल तनुज को सस्पेंड भी कर दिया.

तब से लगातार आरोपी की तलाश और अपहृत बच्चे की दस्तयाबी के लिए कई राज्यों में पुलिस ने छापेमारी की, लेकिन बदमाश का सुराग नहीं लगा. इसके बाद राजस्थान पुलिस ने किडनैपर पर 25 हजार रुपये का इनाम रखा गया.

इसके बाद जयपुर पुलिस को सूचना मिली कि आरोपी तनुज चाहर ने अपनी दाढ़ी बढ़ा ली है और साधु का चोला ओढ़कर मथुरा-वृंदावन के परिक्रमा मार्ग और यमुना के खादर क्षेत्र में कहीं कुटिया बनाकर रहता है. साथ ही खुद साधू बन और बच्चे को कृष्ण बनाकर घूमता है.

इसके बाद, जयपुर पुलिस ने भी अपनी पहचान छिपाने के लिए साधु का भेष बना लिया और भजन गाते हुए आरोपी की कुटिया तक जा पहुंची. लेकिन किडनैपर को पुलिस की भनक लग गई और वह अपहृत बालक को गोदी में लेकर खेतों में भाग निकला. इसके बाद पुलिस ने बीते 27 अगस्त को खेतों में पीछा कर किडनैपर तनुज चाहर को सुरीर थाना क्षेत्र से पकड़ा और बच्चे समेत दस्तयाब कर जयपुर ले आई.

किडनैपर को गिरफ्तार करने के बाद सामने आया भावुक वीडियो
उधर, जयपुर पुलिस ने किडनैपर से छुड़ाने के बाद बच्चे को माता-पिता के सुपुर्द करना चाहा. सूचना मिलते ही माता-पिता भी दौड़े-दौड़े पुलिस दफ्तर चले आए लेकिन मासूम अपनी मां की बजाए किडनैपर के पास जाने की जिद करने लगा. इस पर पुलिसकर्मी बच्चे को अंदर के कमरे में किडनैपर से मिलाने ले गए, जहां मासूम किडनैपर के सीने से लिपटकर जोर-जोर से रोने लगा.

इसके बाद मां को सौंपने के बाद भी बच्चा चुप नहीं हुआ. बच्चे को रोते देख इस किडनैपर की भी आंखों में आंसू आ गए. आरोपी ने 11 महीने के पृथ्वी का अपहरण किया था और 14 महीने अपनी कैद में रखा. आरोपी 2 साल के पृथ्वी को खुद का बच्चा बताता है. उसका दावा है कि यह बच्चा उसका है. पुलिस पूछताछ में पता चला है कि बच्चे पृथ्वी और उसकी मां को अपने पास आरोपी तनुज चाहर अपने पास रखना चाहता था.

इसको लेकर आरोपी ने बच्चे की मां पर काफी दबाव बनाया. लेकिन नहीं मानी तो महिला के नाबालिग पुत्र को अपहरण कर ले गया. अपहरण के बाद आरोपी तनुज चाहर बच्चे की मां से अपनी बात मनवाने के लिए बार-बार कॉल कर धमकी भी देता था. इस रंजिश की आग में आरोपी अपनी नौकरी से भी सस्पेंड हो गया, लेकिन अपनी जिद को नहीं छोड़ा.

आरोपी तनुज चाहर यूपी पुलिस में हेड कॉन्स्टेबल के पद पर रिजर्व पुलिस लाइन जिला अलीगढ़ में तैनात था और पुलिस की कार्यप्रणाली से अच्छी तरह से वाकिफ था, इसीलिए उसने बच्चे के अपहरण के बाद पुलिस से सावधानी बरतने के हर तरीके से फरारी के दौरान खुद के मोबाइल का इस्तेमाल नहीं किया और एक जगह से मोबाइल का उपयोग करने के बाद उस जगह दोबारा नहीं जाता था.

मोबाइल की लोकेशन के स्थान को तुंरत छोड़ भी देता था. अपने जानकार व्यक्ति से एक बार मिलने के बाद दोबारा नहीं मिलता था और अपनी पहचान छिपाने के लिए लिए कभी दाढ़ी बढ़ा लेता था और कभी सफेद दाढ़ी पर कलर कर लेता था. वहीं, नये आदमी को अपना परिचय नहीं देता था, इसलिए आरोपी तनुज चाहर को पकड़ने के लिए जयपुर पुलिस के पसीने छूट गए थे.

Advertisements