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छत्तीसगढ़ में तीन साल में 200 से अधिक ट्रेनों को रद्द करने का मुद्दा गूंजा, रेल मंत्री ने दिया ये जवाब

लोकसभा में बुधवार को छत्तीसगढ़ में लगातार हो रहे ट्रेनों को रद्द करने का मुद्दा गूंजा. रायपुर सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने गाड़ियों के कैंसिल होने पर सवाल उठाया. बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि पिछले 3 सालों में 200 से अधिक ट्रेनें रद्द होने से यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.

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लोकसभा में बुधवार को रायपुर सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने छत्तीसगढ़ से गुजरने वाली ट्रेनों के रद्द होने का मामला उठाया. उन्होंने शून्यकाल में ट्रेनों के निरस्त होने को लेकर कहा कि, “पिछले तीन सालों में 2 सौ से अधिक ट्रेनें रद्द हुई है. छत्तीसढ़ में 32 प्रतिशत आबादी आदिवासियों की है. यह राज्य 42 प्रतिशत जंगल से घिरा हुआ है. इन क्षेत्रों मे पहाड़ नदी और नाले हैं. वहां पर पिछले 3 सालों में कितनी ट्रेनें निरस्त की गई और वहां से जो रेवेन्यू मिलता है छत्तीसगढ़ के जोन का वो रेवेन्यू देश में कौन से स्तर पर है? भविष्य में रेल मंत्री छत्तीसगढ़ के दूरस्थ क्षेत्रों में, जहां आवागमन की सुविधा नहीं है, वहां रेलवे लाइन बिछाने के लिए क्या करने वाले हैं? उसके लिए क्या योजनाएं है? इसकी जानकारी माननीय मंत्रीजी दें.”

बृजमोहन के सवाल पर रेलमंत्री ने दिया जवाब: रायपुर सांसद के सवाल पर केन्द्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि, “छत्तीसगढ़ में रेलवे लाइन के विस्तार का काम जारी है. 10 साल पहले आदिवासी बाहुल्य छत्तीसगढ़ में साढ़े 6 किमी रेलवे लाइन पर काम होता था. आज 100 किमी रेल लाइन का काम चल रहा है. मतलब 15 गुना तेजी से रेल लाइन का विस्तार हो रहा है. नई लाइन को वर्तमान लाइन से जोड़ने के प्रोसेस के कारण ट्रेनें निरस्त करने की नौबत आती है. पिछले 7-8 महीने से नई तरीके से काम चल रहा है, ताकि ट्रेनें कम से कम निरस्त हो.”

बता दें कि लगातार छत्तीसगढ़ में ट्रेनों के रद्द होने से जहां आम जनता परेशान हैं. वहीं रायपुर सांसद ने प्रमुखता से इस मुद्दे को लोकसभा में उठाया. साथ ही कहा कि इससे प्रदेश की जनता को काफी दिक्कतें होती है.

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