पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह के हत्यारे बलवंत सिंह राजोआना ने केंद्र सरकार द्वारा दया याचिका पर देरी के खिलाफ एक बार फिर से सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई करते हुए केंद्र सरकार, पंजाब सरकार और चंडीगढ़ प्रशासन को नोटिस जारी किया है.
सुप्रीम कोर्ट ने नोटिस का जवाब देने के लिए चार हफ्ते का समय दिया है. जस्टिस बी.आर. गवई, जस्टिस प्रशांत कुमार मिश्रा और के.वी. विश्वनाथन ने इस मामले की सुनवाई की.
कोर्ट का आदेश
पिछले साल 3 मई को बलवंत सिंह राजोआना ने अपनी फांसी की सजा को उम्रकैद में बदलने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी, लेकिन कोर्ट ने इस याचिका को खारिज कर दिया. इसके साथ ही कोर्ट ने केंद्र सरकार को राजोआना की दया याचिका पर जल्द से जल्द फैसला लेने का निर्देश दिया था. राजोआना को पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह की हत्या का दोषी ठहराया गया था और वह 28 साल से अधिक समय से जेल में बंद है. वह लगातार अपनी रिहाई की मांग कर रहा है.
हत्या कब की गई थी?
साल 1995 में बलवंत सिंह राजोआना ने अपने साथियों के साथ मिलकर तत्कालीन मुख्यमंत्री बेअंत सिंह को बम से उड़ा दिया था. जुलाई 2007 में निचली अदालत ने उसे मौत की सजा सुनाई थी. जब राजोआना ने इस फैसले के खिलाफ पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट में याचिका दायर की, तो कोर्ट ने निचली अदालत के फैसले को बरकरार रखा. अब 56 वर्षीय राजोआना सरकार से दया की गुहार लगा रहा है. उसके वकील ने 2012 में दया याचिका दाखिल की थी, जो अभी भी केंद्र सरकार के पास लंबित है. गृह मंत्रालय की ओर से अभी तक उसकी मौत की सजा को उम्रकैद में बदलने पर कोई निर्णय नहीं लिया गया है.